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Wednesday, 9 October, 2024
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बंबई उच्च न्यायालय ने ऐप आधारित कैब सेवाओं को 16 मार्च तक लाइसेंस प्राप्त करने का निर्देश दिया

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मुंबई, सात मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के बिना वैध लाइसेंस के परिचालन को ‘पूरी तरह अराजकता’ का उदाहरण बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को ऐसे सभी टैक्सी संचालकों को निर्देश दिया कि यदि वे आगे काम करते रहना चाहते हैं तो 16 मार्च तक लाइसेंस प्राप्त कर लें।

हालांकि अदालत ने इस बीच इस तरह की कैब सेवाओं के चलने पर रोक नहीं लगाते हुए कहा कि उसे लगता है कि इस तरह के कदम से यात्रियों को परेशानी होगी।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि लाइसेंस नहीं प्राप्त करने वाले कैब संचालकों को रोकने से सेवाओं का लाभ लेने वाले यात्रियों के साथ अन्याय होगा।’’

पीठ ने उबर इंडिया ऐप का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए कोई प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली नहीं होने के विषय को रेखांकित करने वाली वकील साविना क्रेस्टो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किये।

क्रेस्टो ने नवंबर, 2020 की एक घटना का उल्लेख किया था, जब उन्होंने शहर में उबर की टैक्सी बुक की और उन्हें ‘एक अंधेरे स्थान’ पर बीच रास्ते में ही उतार दिया गया और उन्होंने पाया कि कंपनी के ऐप पर शिकायत दर्ज कराने का कोई प्रभावी विकल्प नहीं था।

पिछली सुनवाई के दौरान दालत ने पाया था कि महाराष्ट्र सरकार ने ऐसी कैब सेवाओं के परिचालन के नियमन और उन्हें लाइसेंस प्रदान करने के लिए अभी तक किसी विशिष्ट दिशानिर्देश को मंजूरी नहीं दी है।

भाषा वैभव अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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