मुंबई, सात मार्च (भाषा) रूस-यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया 84 पैसे टूटकर 77.01 प्रति डॉलर (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।
कारोबारियों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव से कच्चे तेल की कीमतों ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। इसके कारण घरेलू मुद्रास्फीति और व्यापक व्यापार घाटे को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
विदेशी कोषों की निरंतर निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी के रुख का भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 76.85 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 77.01 प्रति डॉलर पर आ गया। इसमें पिछले बंद भाव के मुकाबले 84 पैसे की गिरावट दर्ज की गई।
इससे पहले शुक्रवार को रुपया 23 पैसे गिरकर 76.17 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो 15 दिसंबर, 2021 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड की उपाध्यक्ष जिंस और मुद्रा अनुसंधान सुगंधा सचदेवा ने कहा, ‘‘अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया है। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने बाजार में जोखिम उठाने की धारणा को कम कर दिया है, जबकि अमेरिकी डॉलर में सुरक्षित पनाहगाह के रूप में प्रवाह बढ़ा है।’’
सचदेवा के अनुसार रुपये का स्तर निकट भविष्य में 77.50 की ओर जा सकता है।
इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.46 प्रतिशत मजबूत होकर 99.09 पर कारोबार कर रह था।
वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 6.55 प्रतिशत उछलकर 125.85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,491.06 अंक लुढ़ककर 52,842.75 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 382.20 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 7,631.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा जतिन अजय
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