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Saturday, 5 October, 2024
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भारत के पहले स्वदेशी फ्लाइंग ट्रेनर हंसा-एनजी ने समुद्र-स्तरीय परीक्षण पूरा किया

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बेंगलुरु, पांच मार्च (भाषा) वैज्ञानिक तथा अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशाला (एनएएल) द्वारा डिजाइन और विकसित भारत के पहले स्वदेशी ‘फ्लाइंग ट्रेनर हंसा-एनजी’ ने 19 फरवरी से पांच मार्च तक पुडुचेरी में समुद्र स्तर का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

एनएएल ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि विमान 19 फरवरी को 155 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से 1.5 घंटे में 140 समुद्री मील की दूरी तय करते हुए पुडुचेरी पहुंचा। इन परीक्षणों का उद्देश्य समुद्र स्तर पर विमान की विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि समुद्र स्तर के परीक्षणों के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया और विमान को पुडुचेरी में 18 घंटे की उड़ान पूरी करने के बाद पांच मार्च को बेंगलुरु वापस भेज दिया गया।

विमान का संचालन विंग कमांडर के वी प्रकाश और एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टाब्लिशमेंट (एएसटीई) के विंग कमांडर दिलीप रेड्डी ने किया था और उड़ान परीक्षण निदेशक के रूप में उड़ान की निगरानी एनएएल डिजाइनर्स एवं विंग कमांडर रीजू चक्रवर्ती ने टेलीमेट्री से की थी।

एनएएल के अनुसार, हंसा-एनजी रोटैक्स डिजिटल कंट्रोल इंजन द्वारा संचालित सबसे उन्नत फ्लाइंग प्रशिक्षकों में से एक है, जिसमें जस्ट-इन-टाइम प्रेप्रेग (जेआईपीआरईजी) कम्पोजिट लाइटवेट एयरफ्रेम, ग्लास कॉकपिट, बबल कैनोपी विथ वाइड पैनोरमिक व्यू, विद्युत संचालित फ्लैप, आदि जैसी अनूठी विशेषताएं हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसे भारतीय फ्लाइंग क्लब की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है और यह कम लागत और कम ईंधन की खपत के कारण वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग (सीपीएल) के लिए एक आदर्श विमान है।

एनएएल के निदेशक जितेंद्र जे जाधव ने कहा कि कुल 37 उड़ानें और 50 घंटे की उड़ान पूरी हो चुकी है और डीजीसीए द्वारा टाइप सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से पहले कुछ और उड़ानें संचालित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि टाइप सर्टिफिकेशन अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है और उसके बाद सार्वजनिक/निजी उद्योग के साथ निर्माण शुरू किया जाएगा जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत एयरोस्पेस तंत्र के लिए माहौल को बढ़ावा देगा।

भाषा सुरभि उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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