कोलकाता, पांच मई (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने वाराणसी से लौटते समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विमान के वायुमंडलीय विक्षोभ का सामना करने पर शनिवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एक रिपोर्ट मांगी। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार डीजीसीए से यह भी जानना चाहती है कि वाराणसी से जिस विमान में मुख्यमंत्री कोलकाता लौट रही थीं, क्या वह उसी मार्ग से होकर गुजरा, जिसकी उसे पूर्व अनुमति दी गई थी।
ममता उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार कर लौट रही थीं।
संपर्क किये जाने पर डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम इस तरह के सभी मामलों में जांच करते हैं और जो वीवीआईपी से संबद्ध होते हैं और उन्हें प्राथमिकता देते हैं। हमने इस सिलसिले में अपनी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है।’’
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार शाम वाराणसी हवाईअड्डे से ममता को लेकर रवाना हुए चार्टर्ड विमान को मार्ग में वायुमंडलीय विक्षोभ का सामना करना पड़ा, जिससे विमान अत्यधिक हिलने लगा था।
हालांकि, पायलट विमान को इस समस्या से बाहर निकालने में सफल रहा और उसे यहां नेताजी सुभाष चंद्र अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सुरक्षित रूप से उतार लिया, लेकिन विक्षोभ से निकलने के लिए विमान को तेजी से नीचे लाये जाने के क्रम में ममता की पीठ में चोट आई है।
ममता, दसॉल्ट फाल्कन 2020 विमान पर सवार थीं। यह एक हल्का विमान है जिसमें अधिकतम 19 लोग यात्रा कर सकते हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को इस घटना की एक उच्च-स्तरीय जांच की मांग की।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है और इससे मुख्यमंत्री को खतरा पैदा हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘डीजीसीए द्वारा एक उच्च-स्तरीय जांच होनी चाहिए, जिसमें विमानन के दृष्टिकोण से सभी पहलू शामिल रहें। सुरक्षा पहलू पर एक अन्य जांच केंद्र को करनी चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है।’’
रॉय ने कहा कि पार्टी कारण जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री के विमान को अतीत में भी पटना से कोलकाता और बागडोगरा से कोलकाता के बीच इसी तरह की समस्या का सामना क्यों करना पड़ा था।
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सुभाष सुरेश
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