नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के जादुई स्पिन गेंदबाज शेन वार्न के आकस्मिक निधन के बाद दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमी दुखी हैं. श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन से पहले भारतीय टीम ने वार्न के लिए एक मिनट का मौन रखा.
बीसीसीआई ने बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अपने हाथों पर काले रंग का पट्टा भी बांधेंगे.
दूसरे दिन का मैच शुरू होने से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने शेन वार्न के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा, ‘शेन वार्न के निधन की खबर बेहद दुखद है. क्रिकेट की दुनिया के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है.’
रोहित शर्मा ने वार्न के परिवार, उनके तीन बच्चों और उनके चाहने वालों के साथ संवेदनाएं भी प्रकट कीं.
"Absolutely devastated to hear the news of Shane Warne passing away. It's a huge huge loss in our cricketing world. Condolences to his family. His three children and the loved ones."
Captain @ImRo45 pays tribute to Shane Warne. pic.twitter.com/LrRR7kJeU5
— BCCI (@BCCI) March 5, 2022
उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट के लिए उनके योगदान को हर कोई जानता है. उन्होंने एक पूरी पीढ़ी को प्रेरणा दी है और वो गेंदबाजी से कमाल करते थे.’
अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे विराट कोहली ने शेन वार्न के निधन पर कहा कि बेहतरीन गेंदबाज थे.
कोहली ने कहा, ‘जीवन अप्रत्याशित है. मैं यहां अविश्वास और सदमे में खड़ा हूं.’
"Life is fickle and unpredictable. I stand here in disbelief and shock."@imVkohli pays his tributes to Shane Warne. pic.twitter.com/jwN1qYRDxj
— BCCI (@BCCI) March 5, 2022
52 वर्षीय शेन वार्न का शुक्रवार को थाईलैंड में निधन हो गया.
गौरतलब है कि शेन वार्न ने टेस्ट मैचों में 708 और वनडे क्रिकेट में 293 विकेट्स लिए हैं. सभी फॉर्मेंट्स में उन्होंने 300 से ज्यादा मैच खेले हैं. साल 1992 से लेकर 2007 तक उन्होंने 145 टेस्ट और 194 वनडे खेले. उन्हें विज़डन के सेचुरी के पांच क्रिकेटर्स में चुना गया था.
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1992 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट से की थी और अगले साल मार्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक दिवसीय मैच खेला था.
1999 में जब ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप जीता तो वे ऑस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा थे और उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया था.
उन्होंने 1993 में 24 वर्ष की उम्र में ओल्ड ट्रैफर्ड में जिस गेंद पर इंग्लैंड के माइक गैटिंग को आउट किया था, उसे ‘सदी की गेंद’ माना जाता है. गैटिंग उस लेग ब्रेक पर हैरान रह गए. गेंदबाजी की यह कला उस समय अंतिम सांसें ले रही थी जब वॉर्न ने उसे पुनर्जीवित किया.
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