scorecardresearch
Saturday, 5 October, 2024
होमदेशपर्यावरण संकट से निपटने में आधुनिक विज्ञान व तकनीक का उपयोग करें : भारत ने यूएनईए में कहा

पर्यावरण संकट से निपटने में आधुनिक विज्ञान व तकनीक का उपयोग करें : भारत ने यूएनईए में कहा

Text Size:

नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) भारत ने शुक्रवार को यूएनईए में कहा कि मौजूदा पर्यावरण संकट से निपटने के लिए नवीनतम विज्ञान एवं अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों की आवश्यकता है तथा इसके लिए बिना किसी बाधा के वैश्विक ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना अहम है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) के विशेष सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि इस मौके पर प्रमुख पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए।

यादव ने विशेष सत्र के पूर्ण सत्र में कहा कि यूएनईपी की 50वीं वर्षगांठ पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन के साथ ही प्रदूषण और कचरे से निपटने सहित मौजूदा प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती का समाधान करने के लिए सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री यादव ने मौजूदा पर्यावरण संकट से निपटने के लिए नवीनतम विज्ञान एवं अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए वैश्विक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के बिना बाधाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना अहम है।’

पांचवां यूएनईए आयोजन 28 फरवरी को नैरोबी में शुरू हुआ और यह शुक्रवार को विशेष सत्र के साथ समाप्त होगा।

यादव ने कहा, ‘‘मैं यूएनईपी को 50 साल पूरे करने पर बधाई देता हूं, इस दौरान इसने वैश्विक समुदाय को असाधारण सेवा प्रदान की है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अहम पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए 1972 से यूएनईपी से जुड़ा रहा है।

पर्यावरण मंत्री यादव ने कहा, ‘यूएनईपी पर्यावरण के लिए अग्रणी वैश्विक आवाज़ों में से एक है। यह नेतृत्व प्रदान करता है तथा राष्ट्रों को उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रेरित, सूचित और सक्षम बना कर पर्यावरण की देखभाल करने में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है…।’

उन्होंने याद किया कि भारत ने 2018 में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन ‘प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करें’ विषय के साथ किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकल उपयोग प्लास्टिक को खत्म करने के लिए वैश्विक आह्वान किया था।

यादव ने जोर दिया कि भारत का मानना है कि संसाधनों का उपयोग सोच-समझकर किया जाना चाहिए और इसका विनाशकारी उपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने ग्लासगो में सीओपी26 में ‘लाइफ – लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ के लिए स्पष्ट आह्वान किया था।’

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि यूएनईपी को भारत के साथ हाथ मिलाना चाहिए ताकि मानवता और ग्रह की रक्षा के लिए वैश्विक समुदाय में ‘लाइफ’ का संदेश फैलाया जा सके।’

यादव ने कहा कि भारत पर्यावरण से संबंधित बहुपक्षीय समझौतों सहित पर्यावरणीय मुद्दों पर यूएनईपी के साथ मजबूत सहयोग की उम्मीद करता है।

भाषा अविनाश उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments