नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में मांग बढ़ने और महामारी से जुड़े जोखिम कम होने की वजह से आंशिक रूप से बढ़ गईं। हालांकि प्रसार की दर जुलाई के बाद सबसे सुस्त रहीं।
शुक्रवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2022 में सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक 51.8 पर पहुंच गया जो जनवरी में 51.5 पर था। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के 50 से ऊपर रहने का मतलब गतिविधियों में प्रसार है जबकि 50 से नीचे होने पर संकुचन होता है।
आईएचएस मार्किट के इस सर्वेक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने स्थिति में सुधार का श्रेय बेहतर मांग हालात और महामारी का खतरा कम होने को दिया है। रिपोर्ट कहती है, ‘यह वृद्धि ऐतिहासिक मानकों से नरम रही, कुछ कंपनियों ने प्रतिस्पर्द्धी दबावों, कोविड-19 और ऊंची कीमतों से वृद्धि प्रभावित होने के संकेत दिए।’
आईएचएस मार्किट की एसोसिएट निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लिमा ने कहा, ‘नए कारोबार एवं सेवा गतिविधियों में हल्का प्रसार ही हुआ। यह जुलाई 2021 के बाद की सबसे सुस्त वृद्धि दर रही। सर्वे प्रतिभागियों से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रास्फीति दबाव, कच्चे मालक की कमी और राज्यों के चुनावों ने वृद्धि पर असर डाला।’
जनवरी में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर जोर पकड़ने से वृद्धि में सुस्ती देखी गई थी। उसकी तुलना में फरवरी में हालात कुछ बेहतर हुए हैं। इसके अलावा कारोबारी विश्वास में भी हालात कुछ बेहतर हुए हैं लेकिन नौकरियों में कमी दर्ज की गई है। इस बीच उत्पादन कीमतों की तुलना में कच्चे माल की लागत बढ़ गई।
डी लिमा ने कहा कि सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर फरवरी में अपेक्षा के अनुरूप रफ्तार भरने में नाकाम रही। इसके साथ ही सेवा क्षेत्र की कंपनियां उम्मीद के मुताबिक तेजी नहीं पकड़ पाईं।
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प्रेम रमण
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