scorecardresearch
Monday, 7 October, 2024
होमदेशटीआरपी रेटिंग फिर शुरू करने की तारीख को आगे बढ़ाने के विकल्प पर हो रहा विचार : सूत्र

टीआरपी रेटिंग फिर शुरू करने की तारीख को आगे बढ़ाने के विकल्प पर हो रहा विचार : सूत्र

Text Size:

नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) टीआरपी रेटिंग को फिर से शुरू करने की तारीख को आगे बढ़ाने के विकल्प पर विचार कर रही है, क्योंकि विभिन्न समाचार टेलीविजन चैनल ने इसे किस अवधि के दौरान जारी किया जाना चाहिए, इस बारे में अलग-अलग सुझाव दिए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

टेलीविजन की व्यूअरशिप को बताने वाली एजेंसी बार्क ने फरवरी में घोषणा की थी कि वह 17 मार्च को रेटिंग फिर से शुरू करेगी। अक्टूबर 2020 में इसने ‘रेटिंग के लिए धन के लेन-देन’ का मामला सामने आने के बाद समाचार श्रेणी में रेटिंग को ‘‘अस्थायी रूप से निलंबित’’ कर दिया था। रेटिंग के लिए धन के लेन-देन के मामले में कथित तौर पर एक निजी समाचार चैनल के शीर्ष अधिकारी शामिल थे।

सूत्रों ने बताया कि विभिन्न न्यूज चैनल अलग-अलग समय से टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स) रेटिंग के आंकड़े जारी करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ चैनल ने कहा है कि केवल मार्च के मध्य से एकत्र किए गए डेटा को जारी किया जाए, जबकि अन्य ने सुझाव दिया है कि पिछले तीन महीनों के डेटा जारी किए जाएं।

सूत्रों ने कहा कि टीवी समाचार चैनल के विभिन्न निकायों ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मंत्रालय इस विकल्प पर विचार कर रहा है कि क्या टीआरपी रेटिंग फिर से शुरू करने की तारीख आगे बढ़ाई जाए।

रेटिंग को फिर से शुरू करने के मामले पर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (एनबीएफ) के महासचिव आर जय कृष्णा ने कहा, ‘‘हम समाचार प्रसारकों के सबसे बड़े उद्योग निकाय एनबीएफ में, बार्क में बदलावों पर भरोसा करते हैं और समाचार चैनल की ऑडियंस माप के लिए 16 महीने से लगी रोक को हटाए जाने के प्रति उत्सुक हैं।’’

जय कृष्णा ने एक बयान में कहा, ‘‘सैकड़ों पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के जीवन और आजीविका के साथ-साथ 400 से अधिक समाचार चैनल के भविष्य को कुछ पुराने चैनल के अनुचित लाभ के लिए दांव पर लगा दिया गया है, जिन्हें नए लोगों द्वारा चुनौती दी गई है। आशा है 17 मार्च 2022 समाचार चैनल के लिए अच्छी पत्रकारिता की खोज में एक नयी शुरुआत करने और जनहित की खबरों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।’’

बार्क द्वारा दिए गए दर्शकों के अनुमान विज्ञापन खर्च को प्रभावित करते हैं। मुंबई पुलिस ने विज्ञापन प्लेसमेंट का कुल आकार सालाना 32,000 करोड़ रुपये आंका था। मुंबई पुलिस ने कथित घोटाले के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि जिन घरों में मॉनिटर लगाए गए थे, उन्हें प्रलोभन देकर रेटिंग में धांधली की जा रही थी।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments