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Wednesday, 9 October, 2024
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कोविड-19 की चौथी लहर पर आईआईटी कानपुर के अध्ययन की पड़ताल की जरूरत: सरकार

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नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) आईआईटी-कानपुर के एक अध्ययन में इस साल जुलाई में कोविड-19 की चौथी लहर आने का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के बीच सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस तरह के अध्ययनों को उचित सम्मान के साथ देखती है लेकिन अभी यह परखना बाकी है कि इस विशेष रिपोर्ट का कोई वैज्ञानिक मूल्य है या नहीं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईआईटी कानपुर का अध्ययन प्रतिष्ठित लोगों द्वारा तैयार किया गया एक ‘मूल्यवान इनपुट’ है।

पॉल ने कहा, ‘…महामारी विज्ञान…विषाणु विज्ञान को देखने का हमारा प्रयास रहा है। सभी अनुमान डेटा और मान्यताओं पर आधारित हैं तथा हमने समय-समय पर अलग-अलग अनुमान देखे हैं। वे कभी-कभी इतने भिन्न होते हैं कि निर्णय केवल अनुमानों की एक कड़ी पर आधारित होना समाज के लिए बहुत असुरक्षित होगा। सरकार इन अनुमानों को उचित सम्मान के साथ देखती है क्योंकि ये प्रतिष्ठित लोगों द्वारा किए गए वैज्ञानिक कार्य हैं।’

उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण अप्रत्याशित वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना है, लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अध्ययन का वैज्ञानिक मूल्य है या नहीं, इसकी पड़ताल की जानी बाकी है।

आईआईटी-कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए एक मॉडलिंग अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 महामारी की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और यह अगस्त के मध्य से अंत तक चरम पर हो सकती है।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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