scorecardresearch
Monday, 23 September, 2024
होमदेशअर्थजगतविदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद कारोबार का मिला जुला रुख

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद कारोबार का मिला जुला रुख

Text Size:

नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली बाजार में बृहस्पतिवार को कारोबार का मिला जुला रुख दिखाई दिया। ग्राहक न होने के बावजूद सीपीओ और पामोलीन सहित देशी बिनौला तेल के भाव में सुधार आया।

वहीं दूसरी ओर तेल रहित खल (डीओसी) की मांग कमजोर होने से सोयाबीन तिलहन और मूंगफली तिलहन के अलावा आयातित तेल सोयाबीन डीगम के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। आवक बढ़ने से सरसों तिलहन के भाव भी मामूली गिरावट के साथ बंद हुए जबकि बाकी अन्य तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 1.8 प्रतिशत की तेजी है जबकि शिकागो एक्सचेंज में रात लगभग तीन प्रतिशत की तेजी रहने के बाद फिलहाल लगभग आधा प्रतिशत की तेजी है।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मंडियों में नये फसल की आवक बढ़ने से सरसों तिलहन के भाव में हानि दर्ज हुई। मंडियों में सरसों तिलहन की दैनिक आवक बढ़कर लगभग सवा आठ लाख बोरी हो गई है। दूसरी ओर विदेशी बाजारों में तेजी की वजह से सरसों तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

उन्होंने कहा कि आयातित तेलों के भाव महंगा होने से सारा जोर सरसों पर आ गया है और सरसों के रिफाइंड बनाने का काम भी जोर पकड़ा है जो सरसों के लिए अच्छा नहीं है। इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिये नहीं तो आगे चलकर सरसों की भारी दिक्कत रहेगी।

सूत्रों ने कहा कि डीओसी की मांग घटने से सोयाबीन और मूंगफली तिलहनों के भाव में भी गिरावट आई। ऊंचे भाव पर खरीदार नहीं होने से सोयाबीन डीगम तेल में भी गिरावट आई।

बाजार सूत्रों ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि आयात होने वाले कच्चा पामतेल (सीपीओ) के दाम से गुजरात में देशी मूंगफली तेल का दाम लगभग नौ रुपये सस्ता हो चला है जबकि पामोलीन के मुकाबले यह लगभग 17 रुपये किलो सस्ता हो गया है। सीपीओ और पामोलीन के भाव इतने महंगे होंगे तो भला कौन इन तेलों के आयात का खतरा मोल लेने वाला है। स्थानीय मांग को अगर स्थानीय उत्पादन से पूरा किया जा सकता, तो हम इतनी भारी मात्रा में आयात ही क्यों करते। जब सीपीओ और पामोलीन के भाव आसमान छू रहे हों और देशी तेल सस्ते हों तो आयात भी कम होगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्थानीय मांग को कहां से पूरा किया जायेगा?

बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,750-7,775 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 6,525 – 6,620 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,505 – 2,690 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,320-2,375 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,520-2,625 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 17,100 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,820 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,900।

सीपीओ एक्स-कांडला- 15,000 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,250 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,700 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 15,500 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 7,650-7,700 रुपये।

सोयाबीन लूज 7,350-7,450 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments