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Tuesday, 8 October, 2024
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राज्य विधानमंडल को गैर-मानव उपभोग वाले अल्कोहल पर शुल्क लगाने का अधिकार नहीं: न्यायालय

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नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य विधानमंडल को गैर-मानव उपभोग वाले अल्कोहल पर शुल्क लगाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह सिर्फ केंद्र कर सकता है।

न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ ने कहा कि राज्य को मानव के उपभोग वाले अल्कोहल पर केवल आबकारी शुल्क लगाने का अधिकार है।

न्यायालय ने कहा कि संविधान पीठ ने कहा है कि संविधान निर्माताओं ने अल्कोहल को मानव उपभोग वाले और गैर-मानव उपभोग वाले अल्कोहल के रूप में विभाजित किया है।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि मानव उपभोग वाले अल्कोहल को दूसरी सूची की प्रविष्टि 51 में रखा गया है जिससे राज्य विधानमंडल को उस पर शुल्क लगाने का अधिकार मिलता है, जबकि गैर-मानव उपभोग वाले अल्कोहल को प्रविष्टि 84 के तहत केंद्रीय विधानमंडल के लिए छोड़ दिया गया है।

पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य विधानमंडल के पास उस अल्कोहल पर शुल्क लगाने का कोई अधिकार नहीं है जो मानव उपभोग के लिए नहीं है क्योंकि यह सिर्फ केंद्र कर सकता है।

शीर्ष न्यायालय ने ओडिशा सरकार की एक अपील की सुनवाई करते हुए यह कहा। न्यायालय ने अपील खारिज कर दी।

भाषा

सुभाष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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