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Saturday, 11 January, 2025
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उत्सर्जन कटौती नहीं की गयी तो भारत में असहनीय गर्मी एवं भोजन, पानी की कमी हो सकती है : आईपीसीसी

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) ने सोमवार को जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी कि यदि भारत में उत्सर्जन में कटौती नहीं की गयी तो मानवीय अस्तित्व की दृष्टि से असहनीय गर्मी से लेकर, भोजन और पानी की कमी तथा समुद्र के जल-स्तर में बढ़ोतरी से गंभीर आर्थिक क्षति तक हो सकती है।

‘जलवायु परिवर्तन 2022: प्रभाव, अनुकूलन और संवेदनशीलता’ विषय पर आईपीसीसी कार्यकारी समूह-द्वितीय की रिपोर्ट के दूसरे खंड में कहा गया है कि यदि उत्सर्जन को तेजी से समाप्त नहीं किया गया तो वैश्विक स्तर पर, गर्मी और आर्द्रता मानव सहनशीलता से परे स्थितियां पैदा करेगी और भारत उन स्थानों में शामिल होगा, जिन्हें इन असहनीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के साथ ही एशिया में कृषि और खाद्य प्रणालियों से संबंधित जोखिम पूरे क्षेत्र में अलग-अलग प्रभावों के साथ उत्तरोत्तर बढ़ेंगे। इसमें कहा गया है, ‘‘यदि अनुमानत: तापमान में एक डिग्री सेल्सियस से चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी होती है तो भारत में, चावल का उत्पादन 10 से 30 प्रतिशत तक, जबकि मक्के का उत्पादन 25 से 70 प्रतिशत तक घट सकता है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, तापमान, सापेक्षिक आर्द्रता और वर्षा में अंतर भारत सहित वैश्विक स्तर पर डेंगू के मामलों या संचरण दर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार होगा।

इसमें कहा गया है कि कम तापमान वाली दुनिया की तुलना में बढ़ते तापमान वाले देशों में सदी के अंत तक वैश्विक जीडीपी में 10 से 23 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

भाषा सुरेश देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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