नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) ग्रीनपीस इंडिया ने सोमवार को कहा कि आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट में अगले दो दशकों में जलवायु को होने वाले कई प्रकार के नुकसान की चेतावनी दी गई है और इससे यह स्पष्ट होता है कि जलवायु परिवर्तन मानवाधिकार का एक मुद्दा है।
इसके साथ ही गैर सरकारी संगठन ने कहा कि उक्त खतरों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) के कार्यकारी समूह दो की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ताप डेढ़ डिग्री सेल्सियस बढ़ने से दुनिया के सामने अगले दो दशकों में कई गंभीर चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। ग्रीनपीस इंडिया के ‘कैंपेन मैनेजर’ अविनाश चंचल ने कहा कि रिपोर्ट से उपजे तथ्यों का दुनिया के नेताओं को ईमानदारी से सामना करना चाहिए ताकि आपस में जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने कहा, “आज की आईपीसीसी रिपोर्ट में उजागर हुए तथ्यों से यह स्पष्ट हुआ है कि जलवायु परिवर्तन मानवाधिकार का एक मुद्दा है। हमारे पास अब पर्याप्त तथ्य हैं जिससे हम यह कह सकते हैं कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले गरीब समुदाय के लोगों को जलवायु संकट से ज्यादा खतरा है और इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।”
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