नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमण की चौथी लहर जून और अक्टूबर के बीच भारत में आ सकती है.
उनका कहना है कि चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होगी और 23 अगस्त 2022 तक चरम पर पहुंचेगी और फिर 24 अक्टूबर 2022 तक समाप्त हो जाएगी.’
यह अध्ययन मेडरिव पत्रिका में हाल में प्रकाशित हुआ है और इस पर अभी निष्कर्ष आना बाकी है. शोधकर्ताओं ने सांख्किीय मॉडल के आधार पर यह अनुमान जताया है और इसके अनुसार संभावित चौथी लहर करीब चार माह चलेगी.
आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग के साबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभ्र शंकर धर और शलभ के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि चौथी लहर की गंभीरता कोरोनावायरस के नए संभावित स्वरूप और देश भर में टीकाकरण की स्थिति पर निर्भर करेगी.
अध्ययन के लेखकों के अनुसार, ‘आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में संक्रमण की चौथी लहर प्रारंभिक आंकड़े उपलब्धता तिथि के 936 दिन बाद आएगी,जो कि 30 जनवरी 2020 है.’
शोधकर्ताओं ने हालांकि कहा कि इस बात की संभावना हमेशा होती है कि संभावित नए स्वरूप का गहरा असर पूरे आंकलन पर हो. उन्होंने कहा कि ये असर रूवरूप की संक्रामकता तथा अन्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करेंगे.
लेखकों के अनुसार , ‘इन तथ्य के अलावा संक्रमण, संक्रमण का स्तर और चौथी लहर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर टीकाकरण -पहली, दूसरी अथवा बूस्टर खुराक का प्रभाव अहम भूमिका निभा सकता है.’
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में आगाह किया था कि कोरोनावायरस का ओमीक्रॉन स्वरूप अंतिम स्वरूप नहीं होगा और अगला स्वरूप अधिक संक्रामक हो सकता है.
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