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Friday, 22 November, 2024
होमविदेशस्वतंत्रता और लापता लोगों की रिहाई की मांग करते हुए उग्र हुई विशाल पश्तून रैली

स्वतंत्रता और लापता लोगों की रिहाई की मांग करते हुए उग्र हुई विशाल पश्तून रैली

बार्डर के उस पार क्या हो रहा है यहां पर बताया गया हैः संयुक्त राष्ट्र के सुझाव पर, पाकिस्तान ने सहमति सेक्स के लिए कानूनी मानयता दिए जाने पर विचार किया और खराब स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति, लगातार चुनौती का सामना कर रही है.

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पश्तून रैली के प्रमुख, पीटीएम नेता मंजूर पश्तीन, स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं.

पश्तून समुदाय ने लापता लोगों के साथ ही बुनियादी मानव अधिकारों की रिहाई की मांग करते हुए, पश्तून ताहुफुज आंदोलन (पीटीएम) के तहत पेशावर में रविवार को एक विशाल रैली निकाली। जिसमें लापता लोगों के साथ-साथ मूल मानवाधिकारों की रिहाई की माँग की गई। उन्होंने नारा ‘द सैंग आजादी दा (यह किस तरह की आजादी है)’ का जिक्र किया, जो आंदोलन में रैली की पुकार है। द डॉन में एक रिपोर्ट ने कहा, “आंदोलन के नेताओं का दावा है कि पिछले दशक में 32,000 पश्तून फाटा से गायब हो गए थे।”

खैबर पख्तून ख्वाह और संघीय प्रशासित आदिवासी क्षेत्रों (एफएटीए) से पीटीएम नेता मंजूर पश्तीन ने हजारों प्रतिभागियों को संबोधित किया, जिसमें लापता लोगों के परिवार भी शामिल हैं। “कराची में, शवों के बदले पैसे वापस लिए गए हैं। पश्तीन ने कहा, “यहाँ तक कि चंगेज खान ने भी लोगों को मारने के बाद भी पैसे नहीं लिए।

उन्होंने एफएटीए क्षेत्र में हिंसा फैलाने के लिए पाकिस्तानी राजनेताओं पर भी आरोप लगाया। “राव अनवर के बाद [मलिर के पूर्व एसएसपी, स्थानीय मॉडल नाकीबुल्लाह महसूद की सवेंदनशील हत्या के आरोपी], अब यह एहसानुल्लाह एहसान हैं [पूर्व टीटीपी नेता]” उन्होंने कहा, कि पूर्व टीटीपी के प्रवक्ता को उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए।

“पश्तीन ने कहा, एहसानुल्लाह के बाद, हम [पूर्व राष्ट्रपति] मुशर्रफ को अदालत में लाएंगे।
स्थानीय समुदायों के बीच आंदोलन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया, पर्चों और पीटीएम श्रमिकों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को जुटाया गया।

“जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती, हम हर गांव जाएंगे, पश्तीन ने घोषणा की

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की सिफारिश, गैर-वैवाहिक सहानुभूति यौन संबंधों को दोषमुक्त करने के लिए उसे सज्ञानं में लिया

पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर तीसरी सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (यूपीआर) में किए गए व्यभिचार और गैर-वैवाहिक सहमति सेक्स को छोड़ने वाले कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है। ‘नोटेड’ का मतलब है कि देश इस सिफारिश पर विचार करेगा और आखिरकार इसे स्वीकार या अस्वीकार करने पर अंतिम निर्णय लेगा, द ट्रिब्यून ने अधिकारियों के हवाले से कहा।

यूपीआर से सैकड़ों अन्य सिफारिशों में, संयुक्त राष्ट्र ने यह भी सुझाव दिया है कि व्यभिचार और गैर-वैवाहिक सहमति को मानने वाले लोगों के खिलाफ हिंसा के सभी अपराधियों, जिरगास के सदस्यों और नेताओं सहित जो इस प्रकार की हिंसा को भड़का सकते हैं, के लिए सजा सुनिश्चित करना।

“पिछले महीने पाकिस्तान ने यूपीआर के तीसरे चक्र को अपनाया । मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (ओएचसीएचआर) का कार्यालय आने वाले दिनों में आधिकारिक दस्तावेज जारी करेगा” मानव अधिकार मंत्रालय के साथ काम करने वाले एक अधिकारी ने दिट्रिब्यून, पाकिस्तान को बताया।

पाकिस्तान को ये सुझाव पहले कनाडा और फिर 2017 में चेक गणराज्य द्वारा दिए गए थे। यूपीआर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2006 में सभी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सदस्य देशों के मानव अधिकारों के रिकॉर्ड की आवधिक समीक्षा करने के लिए पेश किया गया था।

इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा अंततः इस महीने में प्रारम्भ हो जाएगा

विलंब और राजनीतिक बाधाओं के वर्षों बाद, इस्लामाबाद में पाकिस्तान का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा 20 अप्रैल से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के लिए काम करने हेतु पूरी तरह से तैयार है। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह हवाई अड्डा लैंडिंग और यात्री- सुविधाओं को सँभालने के मामले में देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।

हवाई अड्डा इस्लामाबाद के शून्य बिंदु से 20 किलोमीटर और सद्दार, रावलपिंडी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह आकार में ‘वाई’ अक्षर की तरह है और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है।

इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (आईआईए) अब देश में लगभग सभी उड़ानों को संभालने में सक्षम होने के साथ राष्ट्रीय ध्वज वाहक, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के प्राथमिक आधार के रूप में भी कार्यरत हो जाएगा। हवाई अड्डा सालाना 15 मिलियन यात्रियों की मेजबानी करेगा और फिर विस्तार के बाद अपनी क्षमता में 25 मिलियन वार्षिक यात्रियों हेतु वृद्धि करेगा।

पंजाब में स्वास्थ्य देखभाल बदतर हो रहा है, जबकि विरोध जारी है।

पाकिस्तान में सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों की अस्थायी स्थितियों को रोकने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य सेवा निकायों द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी है जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और भी बिगड़ रही है। पंजाब में विरोध प्रदर्शन वर्ष के शुरुआती दिनों में आरंभ हुआ।

एक पुलिस रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि पिछले साल डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, पोषण विशेषज्ञों और विभिन्न स्वास्थ्य सेवा संस्थानों से आधारभूत स्वास्थ्य इकाइयों के कर्मचारियों द्वारा मॉल रोड, पंजाब में 300 से ज्यादा विरोध प्रदर्शन हुए थे।

पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (पीएमए) के अध्यक्ष डॉ. इजहार अहमद चौधरी के अनुसार, भ्रष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का वैध कारण सरकार की “खराब योजना” है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर एक सेमिनार में इस मुद्दे को संबोधित किया। चौधरी ने कहा, “इस प्रणाली का सबसे बुरी संपार्श्विक क्षति यह है कि लोगों को चक्कर, हकीम और होम्योपैथिक डॉक्टरों के पास जाने में ज्यादा दिलचस्पी है क्योंकि वे उचित चिकित्सा सुविधाओं को वहन नहीं कर सकते।”

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