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Friday, 18 October, 2024
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यमुना में मिलने वाले नालों पर बांध बनाने से पानी की गुणवत्ता सुधरी है : दिल्ली सरकार

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) दिल्ली सरकार ने रविवार को कहा कि यमुना में गिरने वाले नालों पर बांध बनाने से नदी में अमोनिया और ठोस कचरे के स्तर में कमी लाने और जैविक ऑक्सीजन की मांग को कम करने में मदद मिली है।

दिल्ली के सिचांई और बाढ़ नियंत्रण मामलों के मंत्री सत्येंद्र जैन ने यहां जारी बयान में कहा कि अस्थायी बांध का निर्माण यमुना नदी में मिलने वाले नालों के जरिये पहुंचने वाले प्रदूषकों को कम करने में प्रभावी साबित हुआ है।’’

मंत्री ने कहा कि उनका विभाग यमुना में सीधे मिल रहे है प्रदूषित नालों की समस्या का सामधान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिससे अंतत: नदी साफ होगी।

उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने मार्च 2023 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा है।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार ने नजफगढ़ नाले के पानी की गुणवत्ता को सुधारने के लिए काम शुरू किया है जो दिल्ली में ढांसा से प्रवेश करता है और 57 किलोमीटर का सफर कर यमुना में मिलता है। उन्होंने बताया कि इसके सहायक नाले की गुणवत्ता को भी सुधारने का प्रयास किया जा रहा है जो ककरोला से निकलता है और नजफगढ़ नाले में मिलता है।

उल्लेखनीय है कि चेक डैम छोटे अवरोधक होते हैं जो नाले या नदी के रास्ते में बनाए जाते हैं जिससे ऊपरी हिस्से का जलस्तर बढ़ जाता है। बांध के पीछे पानी जमा हो जाता है और उसके ऊपर से पानी बहता है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक अबतक 11 चेकडैम का निर्माण सहायक नालों और तीन का निर्माण नजफगढ़ नाले पर किया गया है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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