नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) नालंदा इंडिया इक्विटी फंड और नालंदा इंडिया फंड ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ निवेश सीमा के कथित उल्लंघन के मामले का निपटान कर लिया है।
सेबी ने दो अलग-अलग निपटान आदेशों में कहा कि निपटान शुल्क के रूप में प्रत्येक एफपीआई द्वारा 73.95 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।
इसमें कहा गया कि दोनों कंपनियों ने उनके खिलाफ शुरू कार्रवाई के निपटारे के लिए सेबी से संपर्क किया था। दोनों ही कंपनियों ने जांच में निकले तथ्यों को न तो स्वीकार किया और न ही उनसे इनकार किया।
इसके बाद सेबी ने शुक्रवार को निपटान आदेश पारित किए और इसमें कहा कि नालंदा इंडिया इक्विटी फंड लिमिटेड (एनआईईएफएल) और नालंदा इंडिया फंड लिमिटेड (एनआईएफएल) के खिलाफ मामले का निपटारा कर दिया गया है। यह कार्रवाई छह अप्रैल, 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ शुरू की गई थी।
एनआईईएफएल और एनआईएफएल को जारी कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया था कि दोनों कपंनियों ने यह तथ्य छिपाया कि वे एक ही निवेशक समूह से हैं।
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