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Sunday, 22 September, 2024
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देश के खुदरा बाजार में ‘बादशाहत’ कायम करने की ओर बढ़ रही है रिलायंस रिटेल : रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) कोविड-19 महामारी के बाद से लगातार आगे बढ़ रही रिलायंस रिटेल के नेटवर्क में और तेजी से विस्तार हो सकता है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मालिकों द्वारा पट्टे (लीज) के किराये का भुगतान नहीं किए जाने की वजह से जल्द फ्यूचर रिटेल स्टोर भी रिलायंस रिटेल के पास आ सकते हैं, जिससे उसका नेटवर्क और बड़ा हो जाएगा।

बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के बाद से रिलायंस रिटेल ने अपनी खुदरा पहुंच (वर्ग फुट में) 39 प्रतिशत बढ़ाई है। इस दौरान उसके कई ब्रांड जोड़े हैं और साथ ही डिजिटल कॉमर्स का भी विस्तार किया है।

रिपोर्ट कहती है कि इस समय रिलायंस रिटेल संगठित क्षेत्र की सबसे बड़ी खिलाड़ी है। देशभर में इसके 14,412 स्टोर हैं, जो चार करोड़ वर्ग फुट में फैले हैं।

पिछले पांच वर्षों में कंपनी का राजस्व राजस्व पांच गुना बढ़ा है। रिलायंस रिटेल का मुख्य खुदरा राजस्व 18 अरब डॉलर है, जो सभी प्रतिद्वंद्वियों के सामूहिक राजस्व से भी अधिक है। कंपनी ने इस दौरान 40 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि की है।

बर्नस्टीन ने कहा, ‘‘कंपनी ने ‘न्यू कॉमर्स’, ऑफलाइन रिटेल और ई-कॉमर्स में एक संपूर्ण खुदरा रणनीति बनाई है।’’

रिलायंस रिटेल इस समय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से तीन गुना हो चुकी है और इसने सभी श्रेणियों में लगातार वृद्धि की है। ‘‘कंपनी के किराना सामान की बिक्री 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है, परिधान और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की बिक्री सालाना आधार पर दोगुना हो गई है। मुख्य खुदरा कारोबार में डिजिटल/न्यू कॉमर्स का हिस्सा करीब 20 प्रतिशत है।’’

किराना, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान सहित प्रमुख खुदरा श्रेणियों में कंपनी मजबूती से आगे बढ़ रही है।

रिपोर्ट कहती है कि रिलायंस रिटेल वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और उसके मार्जिन में भी बढ़ोतरी होगी।

कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, उसके कुल कारोबार में किराना का हिस्सा 21.2 प्रतिशत, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का 27.4 प्रतिशत और फैशन का हिस्सा 8.3 प्रतिशत है। गैर-प्रमुख खुदरा कारोबार में कनेक्टिविटी का हिस्सा 34.3 प्रतिशत और पेट्रो रिटेल का हिस्सा 8.7 फीसदी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल ने अगस्त, 2020 में 24,713 करोड़ रुपये में फ्यूचर समूह के खुदरा और लॉजिस्टिक्स कारोबार का अधिग्रहण करने की घोषणा की थी। लेकिन अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने कुछ अनुबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस मामले में अदालत का रुख किया था। इसलिए यह सौदा पूरा नहीं हो पाया है। ,

उल्लेखनीय है कि लोकप्रिय बिग बाजार स्टोर के साथ फ्यूचर के कुल आउलेट्स की संख्या 1,700 से अधिक है। फ्यूचर अपने इन आउटलेट्स में से कुछ के लीज किराये का भुगतान करने में विफल रही है।

बर्नस्टीन की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्यूचर अन्य वितरको की तुलना में कम मूल्य पर उत्पादों की पेशकश कर रही है। साथ ही कंपनी बेहतर सेवाएं भी प्रदान कर रही है, जिसकी वजह से यह तेजी से आगे बढ़ रही है।

भाषा अजय

अजय

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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