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Sunday, 12 January, 2025
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क्लबहाउस मामला: अदालत ने जमानत से इनकार करते हुए कहा, आरोपी ने सभी महिलाओं के खिलाफ अपराध किया

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मुंबई, 26 फरवरी (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने क्लबहाउस ऐप पर बातचीत में महिलाओं और एक विशेष समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार आकाश सुयाल (19) को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि अपराध ‘नारीत्व’ के खिलाफ किया गया था।

अवर सत्र न्यायाधीश संजाश्री घरात ने 22 फरवरी को सुयाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। विस्तृत आदेश शनिवार को उपलब्ध हुआ।

हरियाणा निवासियों सुयाल, जयष्णव कक्कड़ और यश पाराशर को जनवरी में मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने एक ऑडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘क्लबहाउस’ पर चैट रूम बनाए और उनमें ऑनलाइन बातचीत के दौरान सामान्य रूप से महिलाओं और एक विशेष समुदाय के संबंध में अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी की।

एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कक्कड़ और पाराशर को जमानत दे दी थी, वहीं सुयाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने सत्र अदालत का रुख किया था। सत्र अदालत ने उसे राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि जांच जारी है और अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो जांच में बाधा उत्पन्न होगी।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी को महिलाओं और एक विशेष समुदाय के खिलाफ टिप्पणी करते हुए पाया गया। अपराध किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं किया गया है। यह सभी महिलाओं के खिलाफ किया गया अपराध है।’’

न्यायाधीश घरात ने कहा कि सुयाल ‘नारीत्व के खिलाफ अपमानजनक बयानों’ का इस्तेमाल कर रहा था। उन्होंने कहा कि उसने अपमानजनक नामों वाला एक ग्रुप भी बनाया था।

जमानत याचिका में दावा किया गया था कि उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। इसमें कहा गया था कि वह युवा हैं और अनुचित कारावास उसके शैक्षिक करियर और भविष्य को बर्बाद कर देगा।

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए), 195 (ए), 354 (ए), 354 (डी), 509, 500, सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भाषा अमित अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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