नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस्पात के निर्माण में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल पर कई कंपनियां शोध कर रही हैं।
सिंह ने राज्यों के खान और उद्योग मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान कचरे से संपत्ति सृजित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि केवल वही कंपनियां जो समाज के लिए सकारात्मक रूप से काम कर सकती हैं और स्थानीय आबादी को वापस लाभ देने के लिए तैयार हैं, वे ही दीर्घकाल में लाभ प्राप्त कर सकेंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह, भारत तभी फल-फूल सकता है जब इस क्षेत्र के सभी व्यापारियों के लिए समान अवसर उपलब्ध हों। इसी दृष्टिकोण को दिशा देने के लिए द्वितीयक इस्पात विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति भी जरूरी है।
इस्पात मंत्रालय द्वारा आयोजित लगभग पांच घंटे के लंबे सत्र के दौरान, खनन, इस्पात क्षेत्र और केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा रखे गए मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
सम्मेलन का उद्देश्य खनिज समृद्ध राज्यों को खनन पट्टों, चालू और नई खनन परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी से संबंधित मामलों को प्रस्तुत करने और विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करना था।
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