नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद दिग्विजय नेगी, कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और अन्य को एक महीने की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
विशेष न्यायाधीश परवीन सिंह ने आरोपी व्यक्तियों को 24 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया। उन्होंने अरोपियों को तब न्यायिक हिरासत में भेजा, जब उन्हें एनआईए द्वारा हिरासत में पूछताछ की अवधि समाप्त होने पर अदालत के सामने पेश किया गया।
एजेंसी ने एनआईए के पूर्व एसपी नेगी को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक ओवरग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से संबंधित मामले भी शामिल हैं।
एनआईए ने आरोप लगाया था कि आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के ओवरग्राउंट वर्कर का एक नेटवर्क चला रहे थे और पूरे भारत में व्यक्तियों की भर्ती की।
एजेंसी ने कहा कि साजिश के तहत, आरोपी विदेश स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे और उनके निर्देश पर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सुरक्षा बलों के साथ-साथ आतंकवादी हमलों के लिए लक्षित स्थानों की पहचान करने में लगे थे।
भाषा. अमित माधव
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