वर्तमान में केवल प्रिंट और टेलीविजन के पत्रकार प्रेस सूचना ब्यूरो से सरकारी मान्यता प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें यह कहा गया है कि जो पत्रकार नकली खबर (विवादित खबर या संवेदनशील खबर) को फैलाएगा या किसी भी प्रकार की खबर को विवादित तरीके से पेश करेगा उस पत्रकार की सरकारी प्रेस मान्यता रद्द कर दी जाएगी और आगे के लिए भी वह पत्रकार निलंबित हो जाएंगे।
केवल प्रिंट और टेलीविजन पत्रकार वर्तमान में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) से सरकारी मान्यता प्राप्त करने के योग्य हैं।
पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि प्रिंट मीडिया में किसी भी प्रकार की फर्जी खबर की सूचना मिलती है तो इसे सीधे प्रेस सूचना ब्यूरो को भेजा जाएगा और जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबंधित ऐसे मामले होंगे उनको न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को भेजा जाएगा। उसके बाद ये दोनों सरकारी संस्थान 15 दिनों के भीतर यह तय करेंगे की यह खबर वास्तब में नकली है कि नहीं।
और अगर इस बात की पुष्टि होती है कि खबर झूठी है तो संबंधित पत्रकार की मान्यता को उसकी पहली गलती के लिए छह महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा और दूसरी गलती पर एक साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा और कोई पत्रकार इन नियमों का तीसरी बार उल्लंघन करता है तो उस पत्रकार की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जाएगी।
इन नए नियमों के लागू करने के निर्णय का पत्रकारों ने कड़ा विरोध किया है और इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए पत्रकारों की प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मंगलवार को 4 बजे बैठक होगी।
सूचना और प्रसारण (आई एंड बी) मंत्री ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा कि गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी नकली समाचारों को फैलाने के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। झूठी खबरों को परिभाषित किए बिना, उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल प्रसारण और समाचार पोर्टल के लिए नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति की स्थापना की गई थी।
पीआईबी मान्यता
वर्तमान में, सरकारी मान्यता दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, गाजियाबाद और गुड़गांव के निवासियों (पत्रकारों) तक ही सीमित है।
मान्यता प्राप्त करने के लिए संवाददाताओं या कैमरामैन को पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में पांच साल के अनुभव की आवश्यकता होती है। फ्रीलांस पत्रकारों को 15 साल के अनुभव की आवश्यकता होती है।
तब योग्य पत्रकारों का विवरण केन्द्रीय गृह मंत्रालय को प्रदान किया जाता है, जिसके बाद उन्हें एक मान्यता पत्र जारी किया जा सकता है पर इसके लिए उन्हें पहले पुलिस द्वारा सत्यापित किया जाना होता है। पीआईबी मान्यता या उसके नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले संवाददाताओं और कैमरा मैन के नामों पर विचार करने के लिए केन्द्रीय प्रेस प्रत्यायन समिति को साल में कम से कम दो बार मुलाकात करनी चाहिए।
आठ सदस्यीय समिति का नेतृत्व पीआईबी के प्रधान महानिदेशक द्वारा पदेन अध्यक्ष के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इस समिति में भारतीय प्रेस परिषद और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
वर्तमान समय में इसके अन्य सदस्यों में दैनिक जागरण के प्रशांत मिश्रा, टाइम्स नाउ की नविका कुमार; एबीपी न्यूज की कमीशनिंग ऑडिटर, कंचन गुप्ता; पायनियर के जे. गोपीकृष्णन और एशियन न्यूज इण्टरनेशनल की स्मिता प्रकाश शामिल हैं। समिति का हाल ही में पुनर्गठन किया गया था।
औसतन, सरकार द्वारा अनुमानित 3,000 प्रेस मान्यता कार्ड प्रति वर्ष जारी किए जाते हैं।
पीआईबी मान्यता कार्ड अनिवार्य रूप से पत्रकारों को दिल्ली-एनसीआर के भीतर सरकारी भवनों तक पहुँचने की अनुमति प्रदान करता है। देश के दूसरे हिस्सों के पत्रकारों को राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस मान्यता कार्ड प्राप्त करना होता है।
सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकार को अन्य लाभ के रूप में रेलवे किराया में छूट और एक केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) कार्ड प्रदान किया जाता है, जो कुछ अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार की गारंटी देता है।
सरकारी बंगलों की एक निश्चित संख्या भी चयनित मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आरक्षित है हालांकि, सरकार इस लाभ को सीमित करने या हटाने पर विचार कर रही है।
ऑनलाइन मीडिया के लिए कोई मान्यता नहीं है
हालांकि, डिजिटल मीडिया में काम कर रहे पत्रकारों को आईएंडबी मंत्रालय ने मान्यता पत्र नहीं जारी किया है। इसके अलावा ऑनलाइन मीडिया संगठन के संवाददाताओं के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त करने के लिए पीआईबी वेबसाइट पर आवश्यक दस्तावेजों की एक अलग सूची दी गयी है।
सूची में पिछले वित्तीय वर्ष के लिए पोर्टल की बैलेंस शीट, डोमेन नाम पंजीकरण प्रमाण पत्र, ग्राहकों की सूची और प्रतिदिन कम से कम छह बार साइट अद्यतन (अपडेट) के प्रमाण भी शामिल हैं।
प्रिंट ने अनुभव किया है कि इस आशय के विस्तृत निर्देशों के साथ तैयार किया गया एक औपचारिक प्रस्ताव आईएंडबी मंत्रालय के साथ लंबित है।