नई दिल्ली: यूक्रेन में रूस के हमलो ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूस के हमले से पहले ही दिन देश में 137 लोगों की जानें चली गईं. जेलेंस्की ने कहा कि रूस से लड़ने के लिए उन्हें अकेला छोड़ दिया गया.
जेलेंस्की ने कहा, ‘आज हमने अपने 137 हीरो, अपने नागरिकों को खो दिया है. 316 लोग घायल हुए हैं.’ उन्होंने कहा, हमारे साथ लड़ने के लिए कौन खड़ा है, मुझे कोई नहीं दिख रहा है. यूक्रेन को नाटो सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है.
इसके अलावा गुरुवार को यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने बताया कि रूस के हमले से 57 यूक्रेनी नागरिक मारे गए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के अधिकारी देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को फिर से तैयार कर रहे हैं जिससे कि दुश्मन के लगातार हो रहे हमलों के बीच मेडिकल सहायता की जरूरत वाले लोगों के लिए जगह बनाई जा सके.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को देखते हुए जेलेंस्की ने सामान्य भर्ती के लिए गुरुवार को एक ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने कहा कि इसे 90 दिनों के भीतर किया जाना है. डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि अब तक 137 यूक्रेनियन मारे गए हैं। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूक्रेन की स्थिति पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, गुरुवार को सैन्य हमले शुरू करने के लिए रूस की निंदा की और रूस पर ‘नए मजबूत प्रतिबंधों और सीमाओं’ की घोषणा की.
प्रतिबंधों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए डॉलर, यूरो, पाउंड और येन में व्यापार करने की रूस की क्षमता को सीमित करना, रूसी सेना को वित्तपोषित करने और विकसित करने की क्षमता को रोकना और 21वीं उच्च तकनीक में प्रतिस्पर्धा करने की रूस की क्षमता को कम करना शामिल है
रूस ने दावा किया है कि हमले के पहले ही दिन उसने यूक्रेन में 70 से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन की राजधानी कीव में रह रहे लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और कर्फ्यू का पालन करें. उन्होंने बताया कि उनका परिवार यूक्रेन में ही रहेगा.
ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों ने रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा की है लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पहले ही अपने संबोधन में चेतावनी दे चुके हैं कि अगर किसी ने उनके मामे में दखल देने की कोशिश की तो उन्हें ऐसे परिणाण भुगतने पड़ सकते हैं जो कभी इतिहास में अनुभव नहीं किए गए होंगे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा था कि डोनबास इलाके के लोगों की रक्षा के लिए सैन्य यह अभियान शुरू किया गया था. इसके अलावा रूस के पास कोई रास्ता नहीं बचा था.
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