नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) राजस्व भागीदारी के आधार पर 100 बंद पड़ी खदानों को निजी क्षेत्र को सौंपने पर विचार कर रही है। ये वे खदानें हैं, जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन रुका है।
कोयला मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि निजी क्षेत्र के साथ गठजोड़ से उत्पादकता बढ़ेगी और देश के विकास के लिये जरूरी अतिरिक्त ईंधन उपलब्ध होगा।
बयान के अनुसार, ‘‘कोयला मंत्रालय ने आज यहां निजी क्षेत्र के साथ सीआईएल की बंद पड़ी खदानों के लिये आय साझेदारी मॉडल पर संबंधित पक्षों के साथ परामर्श बैठक आयोजित की।’’
इस बैठक में एस्सेल माइनिंग, अडाणी, टाटा, जेएसडब्ल्यू और जेएसपीएल जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हुईं। कंपनियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
कोल इंडिया की कई ऐसी खदाने हैं जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन रुका/बंद पड़ा है। इसे निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ फिर से उत्पादन के स्तर पर लाने की संभावना है।
भाषा रमण अजय
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