नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए भारत की नयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति विदेशी कंपनियों को सरकारी दिशानिर्देशों के अनुरूप अपना बुनियादी ढांचा स्थापित करने की अनुमति दे सकती है।
इसरो के अंतरिक्ष अवसर संबंधित क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय (सीबीपीओ) के निदेशक एन सुधीर कुमार ने कहा, ‘अगर कोई केंद्र सरकार की नीतियों के अनुरूप अपना खुद का बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए यहां आना चाहता है, तो हम इसे लेकर उत्साहित हैं।’
उन्होंने यह बात विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित भारत-सिंगापुर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में कही।
कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विभिन्न नीतियां परामर्श के चरण में हैं जिनमें दूर संवेदी डेटा का उपयोग, अंतरिक्ष संचार, मानव अंतरिक्ष नीति, उद्योग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल हैं।
कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष परिवहन नीति उद्योग को अपने प्रक्षेपक, लॉन्च पैड, प्रक्षेपण प्रणाली के साथ-साथ उपग्रह भी रखने की अनुमति देगी।
इससे पहले, शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि इसरो ने 2011 में सिंगापुर का पहला स्वदेश निर्मित सूक्ष्म उपग्रह और 2014-15 के दौरान आठ और उपग्रह प्रक्षेपित किए थे।
सिंह ने कहा कि सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और एफडीआई का प्रमुख स्रोत है।
उन्होंने कहा कि सिंगापुर में लगभग 9000 भारतीय कंपनियां पंजीकृत हैं और सिंगापुर की 440 से अधिक कंपनियां भारत में पंजीकृत हैं।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.