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Wednesday, 6 November, 2024
होमदेश‘सिगरेट चोरी’ में गिरफ्तार कैदी की मौत, पिता ने जेल में हत्या किए जाने का आरोप लगाया

‘सिगरेट चोरी’ में गिरफ्तार कैदी की मौत, पिता ने जेल में हत्या किए जाने का आरोप लगाया

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नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) ‘‘सिगरेट चुराने’’ के आरोप में जेल में बंद 19 वर्षीय एक कैदी की यहां एक अस्पताल में मौत हो गई, जिसके बाद उसके पिता ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेटे की जेल में हत्या की गई।

आरोपी के पिता ने मांग की है कि उनके बेटे की मौत के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जाए।

बहरहाल, जेल प्राधिकारियों ने कहा है कि ‘‘मौत की वजहें प्राकृतिक प्रतीत होती हैं।’’

रिक्शा चालक मोहम्मद याकूब ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने उसके बेटे जीशान को ‘‘एक दुकान से सिगरेट का एक पैकेट चुराने के’’ आरोप में में गिरफ्तार किया था।

याकूब ने कहा, ‘‘वह तीन महीने से तिहाड़ जेल में बंद था। इस बीच हम जीशान से दो बार मिले, लेकिन उसने हमें कुछ नहीं बताया। हमें 15 फरवरी को एक फोन पर बताया गया कि ‘‘आपके बेटे की हालत गंभीर है।’’ हम जब अस्पताल पहुंचे, तो हमने जीशान को मृत पाया। उसकी (जेल में) हत्या की गई। हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए।’’

इस संवाददाता सम्मेलन का प्रबंध करने वाले मानवाधिकार संगठन ‘जन हस्तक्षेप’ ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के निवासी जीशान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 457 (रात में मकान में चोरी छुपे घुसना, जिसके लिए पांच साल तक कारावास की सजा दी सकती है) और धारा 380 (आवास, मकान आदि में चोरी करना, जिसके लिए सात साल तक की कैद का प्रावधान है) के तहत 19, नंवबर 2021 को मामला दर्ज किया गया था।

उसने एक बयान में कहा, ‘‘जीशान के माता-पिता को हरि नगर पुलिस थाने से 15 फरवरी को किए गए फोन पर बताया गया कि उनके बेटे का स्वास्थ्य खराब है और उसे डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’

संगठन ने कहा, ‘‘उन्हें अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि उनके बेटे की मौत हो गई है और उन्हें उसका शव दिखाया गया। शव पर चोट के गंभीर निशान थे, जिनसे पता चलता है कि वह बीमार नहीं था, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा गया था।’’

‘जन हस्तक्षेप’ ने अपने बयान में यह भी मांग की कि सेंट्रल जेल संख्या पांच के जेल अधीक्षक को उसकी निगरानी में कैदी की सुरक्षा करने में ‘‘विफल’’ रहने के लिए तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की निगरानी में मामले में तुरंत जांच शुरू की जानी चाहिए।

इस बीच, एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि जीशान को पिछले साल 19 नवंबर को सेंट्रल जेल संख्या पांच में रखा गया था। उसने सीने में दर्द, सिरदर्द, शरीर में खुजली और आंखों के सामने अंधेरा छाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे 12 फरवरी को डीडीयू अस्पताल में ले जाया गया था।

अधिकारी ने बताया कि डीडीयू में उसके अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे की रिपोर्ट ‘‘सामान्य’’ आई थी और उसे दवाइयां देकर जेल वापस भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को सीने में दर्द और शरीर पर दाग पड़ने की शिकायत के बाद उसे जेल के चिकित्सकीय कक्ष में भेजा गया था, जहां से उसे फिर से डीडीयू अस्पताल ले जाया गया।

अधिकारी ने बताया कि बाद में उपचार के दौरान 15 फरवरी को देर रात एक बजकर 10 मिनट पर स्पष्ट रूप से हृदय के काम करना बंद कर देने और प्लेटलेट की संख्या छह हजार से कम हो जाने के कारण उसकी मौत हो गई।

अधिकारियों ने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम करा लिया गया है और मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है।

भाषा सिम्मी पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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