scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशछठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करने के फैसले को खंडपीठ ने सही माना

छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करने के फैसले को खंडपीठ ने सही माना

Text Size:

(इंट्रो में सुधार के साथ रिपीट)

रांची, 23 फरवरी (भाषा) झारखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने ‘झारखंड लोक सेवा आयोग’ की छठी प्राशासनिक परीक्षा के अंतिम परिणाम को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को सही ठहराते हुए इस संबन्ध में दाखिल सभी एलपीए को खारिज कर दिया है जिसके चलते पहले घोषित परिणामों में सफल घोषित 326 अभ्यर्थियों को करारा झटका लगा है।

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन और न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में 20 अक्तूबर, 2021 को सुरक्षित अपना फैसला बुधवार को सुनाया।

फैसले के तहत झारखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने छठी जेपीएससी के मामले में एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। इसलिए सभी लेटर पेटेंट अपील खारिज की जाती हैं।

इस मामले में न्यायालय की एकल पीठ ने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश झारखंड लोक सेवा आयोग को दिया था। अदालत ने माना था कि परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में सिर्फ अर्हतांक (क्वालिफाईंग मार्क्स) लाना था, लेकिन जेपीएससी ने इसे कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया जो कि गलत था।

इस आदेश के बाद जेपीएससी द्वारा छठी जेपीएससी के आधार पर नियुक्त हुए 326 अभ्यर्थियों की ओर से इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील दाखिल की गई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि वह एकल पीठ के आदेश का पालन करेगी। वहीं प्रार्थियों का कहना था कि जेपीएससी की ओर से जारी किया गया अंतिम परिणाम बिल्कुल सही था और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं थी।

लेकिन खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की दलील को स्वीकार नहीं किया और उनकी अपील खारिज कर दी जिससे जेपीएससी के पहले सफल घोषित किये गये सभी अभ्यर्थियों को भारी निराशा का सामना करना पड़ा।

भाषा, इन्दु

संतोष

संतोष

संतोष शाहिद

शाहिद

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments