नयी दिल्ली,23 फरवरी (भाषा) मुश्किल समय में ‘पड़ोसी देशों की मदद पहले करने’ पर जोर देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत के लिए यह वक्त अपने पड़ोसियों की समस्याएं समझने और उन्हें इससे बाहर निकालने में मदद कर उन्हें अपना सहयोग बढ़ाने का है।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एशिया आर्थिक संवाद में उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि मुफ्त राशन 80 करोड़ लोगों को दिया गया।
जयशंकर ने ऑनलाइन सत्र में कहा, ‘‘हम 40 करोड़ लोगों के खाते में पैसे डाल रहे हैं। यह सब बगैर लीकेज के एक ऐसे देश में किया जा रहा है, जो लीकेज के लिए एक समय बदनाम रहा था।’’
सत्र में श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ केहेलिया रामबुकवेला और भूटान के वित्त मंत्री लयोनपो नामगे शेरिंग ने भी हिस्सा लिया।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम कहते आ रहे हैं, पड़ोस पहले…मुश्किल समय में उसकी मदद अवश्य की जानी चाहिए। ’’
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि श्रीलंका जैसे कुछ देश कोविड से काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब भी कुछ देश स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम अब अफगानिस्तान और म्यांमा को टीके की आपूर्ति कर रहे हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे यह संदेश देना है कि यह वक्त असल में भारत के लिए अपने पड़ोसियों को सहयोग बढ़ाने का है, उन सभी को देखने का है, उनके साथ बैठने का है, उनकी समस्याएं समझने का है और यह विचार करने का है कि हम क्या कर सकते हैं। ’’
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के समक्ष भुगतान संतुलन की समस्या आ गई है और उसे ईंधन एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की नियमित तौर पर जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत इसका एक विश्वसनीय मित्र है।
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सुभाष उमा
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