नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ”महत्वहीन याचिका” दायर करने के लिए एक वादी की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि दिल्ली में एक चलन दिखाई पड़ता है कि लोग सड़क पर चलते हुए दाएं-बाएं देखते हैं और विषय वस्तु के बारे में कोई शोध और जानकारी एकत्र किए बगैर ही जनहित याचिका दायर कर देते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ”दिल्ली में एक चलन है कि लोग सड़क पर चलते हुए दाएं-बाएं देखते हैं और बिना किसी अनुसंधान और होमवर्क किए जनहित याचिका दायर कर देते हैं।”
अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि शाहीन बाग इलाके में अवैध निर्माण जारी है और अधिकारी भी इसमें संलिप्त हैं।
पीठ ने कहा कि इस जनहित याचिका का मकसद धमकाना और धन उगाही करना है।
बाद में याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार किया।
भाषा शफीक अनूप
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