नई दिल्ली: यूक्रेन के मुद्दे पर रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को कहा कि भारत नियम आधारित व्यवस्था में विश्वास करता है तथा मानता है कि सभी पक्षकारों को एक दूसरे से संवाद करना चाहिए.
लेखी ने बताया, ‘भारत नियम आधारित व्यवस्था में विश्वास करता है. हम सभी जगहों पर सौहर्द और शांति की प्रार्थना करते हैं . हमारा कहना है कि सभी पक्षकारों को एक दूसरे के साथ संवाद करना चाहिए.’
यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के बारे में पूछे जाने पर विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है जैसा कि अतीत में किया गया, चाहे कोविड-19 की स्थिति हो, लिबिया में आपात स्थिति हो या कोई अन्य स्थिति हो.
लेखी ने जोर देकर कहा, ‘भारत अपने लोगों के साथ खड़ा है. हम अपने नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे दूतावास के सम्पर्क में रहे.
गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘दोनेत्स्क और लुहान्स्क जन गणराज्य’ की ‘स्वतंत्रता’ को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद क्षेत्र में तनाव और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है. पुतिन ने रूसी सैनिकों की वहां तैनाती के आदेश भी दिए हैं .
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की. उसने सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव समाप्त करने को तात्कालिक प्राथमिकता बताया. भारत ने कहा है कि इसका मकसद क्षेत्र और उससे परे दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना होना चाहिए .
वहीं, यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच एअर इंडिया का एक विमान पूर्वी यूरोपीय देश से करीब 240 भारतीयों को लेकर मंगलवार रात दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा था . इसमें भारतीय छात्र भी शामिल थे . छात्रों ने कहा था कि वे अपने देश वापस लौटकर खुश हैं .
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