नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और कई अन्य बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की ‘ऑफलाइन’ बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि ऐसी याचिकाओं से ‘गलत उम्मीदें’ बंधती हैं और हर जगह ‘भ्रम’ फैलता है.
पीठ ने कहा, ‘इससे न केवल झूठी उम्मीदें बंधती हैं, बल्कि परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. छात्रों और अधिकारियों को अपना-अपना काम करने दें.’
याचिका में सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड को अन्य माध्यमों से परीक्षा लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के लिए ‘ऑफलाइन’ (स्कूल परिसर में) माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव दिया है.
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए 26 अप्रैल से बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है.
भाषा निहारिका अनूप
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