न्यूयॉर्कः यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच नई दिल्ली में रूस के राजदूत ने बुधवार को कहा कि डोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता देना रूस के लंबे समय से लंबित मुद्दे में से एक था ताकि यूक्रेन अथॉरिटीज़ द्वारा वहां पर नरसंहार को रोका जा सके.
रूस के डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने कहा, ‘यही एक मौका था जबकि इन लोगों की जान बचाई जा सकती थी. अब तक के सालों में पश्चिम ने लगातार इस मुद्दे को अनदेखा किया है.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन सहित सोवियत के बाद के क्षेत्रों के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप किया है.’
बाबुश्किन ने पश्चिम पर रूस के खिलाफ यूक्रेन का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करके और मिलिट्री ऐक्टिविटी को बढ़ाकर नाटों के विस्तार न करने के एग्रीमेंट का उल्लंघन किया.
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने यूक्रेन में सत्ता परिवर्तित करने के लिए पैसे खर्च किए. अमेरिका ने 2014 में 5 बिलियन डॉलर खर्च करके रूस के खिलाफ विचार रखने वालों को सत्ता दिलाई जिन्होंने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र डोनेत्स्क और लुहांस्क सहित हर किसी का नरसंहार शुरू कर दिया जिसका संबंध रूस से था और जिन्होंने कीव अथॉरिटीज़ को मान्यता नहीं दी.’
उन्होंने कहा कि यूक्रेन यूएन सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिन्स्क एग्रीमेंट को लागू करने में कभी भी रुचि नहीं रखता था.
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यूएन ने कहा दुनिया की शांति सुरक्षा के लिए खतरा
वहीं, यूक्रेन की परिस्थिति को दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि यह पूरे अंतर्राष्ट्रीय सिस्टम की टेस्टिंग है.
उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसी परिस्थिति का सामना कर रहे हैं जिसकी हमें उम्मीद नहीं थी.’ लुहांस्क और डोनेत्ज़ क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के लिए उन्होंने रूस की आलोचना भी की.
उन्होंने कहा कि रूस द्वारा डोनेस्क और लुहांस्क की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देना यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है. यह न सिर्फ यूएन चार्टर के विपरीत है बल्कि महासभा के मित्रवत व्यवहार घोषणा के भी असंगत है.
कनाडा ने की प्रतिबंध की घोषणा
यही नहीं कनाडा ने भी रूस पर प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है. मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि रूस द्वारा मान्यता दिए गए दो राज्यों लुहांस्क और डोनेस्क के साथ कोई भी कनाडाई किसी भी तरह का वित्तीय समझौता या लेन-देन नहीं करेगा. इसके अलावा किसी भी कनाडाई को रूस से ऋण लेने और रूस द्वारा समर्थित दोनों राज्यों के बैंकों से किसी भी प्रकार के लेनदेन की भी अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा कनाडा रूस के उन सांसदों पर भी प्रतिबंध लगाएगी जिन्होंने इन दोनों अलगाववादी क्षेत्रों का समर्थन किया है.
ट्रूडो ने कहा कि रूस द्वारा उठाया गया इस तरह का कदम दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.
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