नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने मंगलवार को बैंक और रेलवे के किसी भी प्रकार के निजीकरण का विरोध किया और दावा किया कि इससे पांच लाख कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
पिछले कुछ महीनों से कृषि कानूनों से लेकर महंगाई जैसे मु्द्दों पर भाजपा के आधिकारिक रुख से अलहदा राय रखते आ रहे पीलीभीत के सांसद ने एक ट्वीट में यह भी कहा कि एक लोक कल्याणकारी सरकार आर्थिक असमानता पैदा नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा। समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।’’
पिछले महीने वरुण गांधी ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर चिंता जताई थी और कहा था कि निजीकरण के नाम पर देश के प्रमुख संसाधनों को बेचा जा रहा है।
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति (वीसी) के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की नियुक्ति की भी कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि इस तरह की ‘‘औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं।’’
भाजपा सांसद ने पिछले दिनों बैंक ऋण धोखाधड़ी के कुछ मामलों का उल्लेख करते हुए कहा था कि इस ‘‘महाभ्रष्ट व्यवस्था’’ पर एक ‘‘मजबूत सरकार’’ से ‘‘मजबूत कार्रवाई’’ की अपेक्षा की जाती है।
वरुण गांधी ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों का भी समर्थन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने और न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने की भी मांग की थी।
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ब्रजेन्द्र दिलीप
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