मुंबई, 22 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार का 2021 का वह आदेश ‘अवैध’ है जिसमें केवल उन लोगों को ही लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है जिनका पूर्ण कोविड टीकाकरण हो चुका है। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि यह आदेश स्पष्ट रूप से नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी प्रभावित करता है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा हस्ताक्षरित तीनों आदेश आपदा प्रबंधन नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया से स्पष्ट रूप से अलग थे।
सरकार के वकील अनिल अंतूरकर ने मंगलवार को अदालत को सूचित किया कि विचाराधीन तीनों आदेश (15 जुलाई, 10 अगस्त और 11 अगस्त, 2021 को जारी किए गए) वापस ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों की भावना के तहत तीनों आदेश वापस लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य कार्यकारी समिति की 25 फरवरी को बैठक होगी जिसके बाद नए निर्देश जारी किए जाएंगे।
पीठ ने कहा कि सोमवार को मुंबई में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों की संख्या 20 महीनों में सबसे कम थी। पीठ ने कहा, ‘हम आशा और विश्वास करते हैं कि राज्य कार्यकारी समिति कोविड-19 के मामलों में कमी की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी को कोई उचित निर्णय लेगी।’’
मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
भाषा
अविनाश मनीषा
मनीषा
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