नई दिल्ली: भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के नव नियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को लद्दाख में गलवान घाटी और अन्य अग्रिम क्षेत्रों में ‘ग्राउंड जीरो’ का दौरा किया. बाद में, सेना ने सोशल मीडिया पर सैनिकों के साथ उनकी बातचीत की कई तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनकी पृष्ठभूमि में भारतीय ध्वज दिखाई दे रहा था.
यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने गलवान घाटी, जहां जून 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, का दौरा करने वाले अपने किसी शीर्ष अधिकारी की तस्वीरें जारी की हैं.
सेना ने ट्वीट करते हुए कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लगे ‘अग्रणी क्षेत्रों में ग्राउंड जीरो’ का दौरा किया और ‘उनके पेशेवर रवैये तथा खतरे के उभरते हुए परिवेश (मैट्रिक्स) के प्रति उनकी परिचालनात्मक प्रतिक्रिया (ऑपरेशनल रिस्पांस) की सराहना की’.
हालांकि सेना ने गलवान घाटी के रूप में किसी खास स्थान का उल्लेख नहीं किया, मगर सेना मुख्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि इन तस्वीरों में से एक गलवान घाटी की है जहां उन्होंने डोगरा रेजिमेंट के जवानों के साथ बातचीत की थी.
इस तस्वीर के बैकग्राउंड में डोगरा झंडा भी दिख रहा है, जिसे सोशल मीडिया पर गलती से अतीत में प्रयुक्त होने वाला तिब्बती झंडा समझ लिया गया था.
हालांकि, इस घटना के बाद इस इलाके में बफर ज़ोन स्थापित किये जाने के साथ डिसएंगेजमेंच हुआ था, फिर भी यह घाटी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए दुष्प्रचार का हथकंडा बनी रही है.
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां पीएलए ने इस क्षेत्र में चीनी ध्वज फहराते हुए और इसे भारतीय धरती पर लगाए गए होने का आभास दिलाते हुए वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की हैं.
भारतीय सेना ने इस तरह के मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन के खिलाफ पहले भी कई बार जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन यह पहली बार है जब उसने अपने किसी वरिष्ठ अधिकारी की ‘ग्राउंड जीरो’ पर जाने वाली तस्वीरें ट्वीट की है.
थल सेना कमांडर ने की एसएफएफ सैनिकों से मुलाकात, डीबीओ का दौरा भी
सूत्रों ने बताया कि एलएसी पर बनी अग्रिम चौकियों (पोस्टिंग) के अपने दौरे के दौरान, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना की एक विशिष्ट इकाई स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ), जो मुख्य रूप से तिब्बती मूल के लोगों से बनी है, के अधिकारियों और जवानों से भी मुलाकात की .
सेना के सूत्रों ने यह भी बताया कि लद्दाख के प्रभारी इस शीर्ष अधिकारी ने दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) का भी दौरा किया. यह वह क्षेत्र है जिस पर दबदबा ज़माने के लिए चीनियों की निगाहें टिकी हैं.
सेना के कमांडर को ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के लेह स्थित मुख्यालय में एलएसी के साथ बनी हुई संपूर्ण स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. इस कोर को 14 कोर के रूप में भी जाना जाता है, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता करते हैं.
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