नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को व्यर्थ की बातों में पड़ने की बजाय तर्कपूर्ण कागज के जरिये यह बताना चाहिए वह वित्त वर्ष 2022-23 में आठ प्रतिशत से अधिक की संवृद्धि दर की उम्मीद कैसे कर रही है।
पूर्व वित्त मंत्री ने वैश्विक निवेशक रुचिर शर्मा के एक लेख का हवाला देते हुए सरकार पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रुचिर शर्मा ने आज एक विद्वतापूर्ण लेख लिखा है, जिसे मोदी सरकार के मंत्रियों और उनके आर्थिक सलाहकारों को अनिवार्य रूप से पढ़ना चाहिए। व्यर्थ की बातों में पड़ने की बजाय सरकार को यह बताने के लिए एक तर्कपूर्ण कागज सामने रखना चाहिए कि वह 2022-23 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद क्यों करती है।’’
चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘अगर नॉमिनल जीडीपी की वृद्धि दर 11.1 फीसदी होगी और रियल जीडीपी की वृद्धि दर 8 फीसदी होगी, तो क्या सरकार इस बात पर जोर देगी कि महंगाई महज 3 फीसदी हो?’’
उन्होंने कहा, ‘‘संकुचित होते कार्यबल और रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के लिए सरकार का क्या स्पष्टीकरण है? क्या सरकार बताएगी कि वह आत्मनिर्भरता (संरक्षणवाद) जैसी अस्वीकृत नीतियों का अनुसरण क्यों कर रही है?’’
भाषा हक
हक दिलीप
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