नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) विद्यार्थियों से जुड़े संगठन ‘क्रांतिकारी युवा संगठन’ (केवाईएस) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के प्रशासन पर ‘गुंडागर्दी’ का आरोप लगाते हुए इसके विरुद्ध सोमवार को प्रदर्शन किया तथा एसओएल के कार्यवाहक प्राचार्य उमाशंकर पांडे को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
पांडे ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि प्रदर्शनकारी संस्थान को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस छात्र संगठन ने एसओएल के नॉर्थ कैंपस से कुलपति के कार्यालय तक मार्च किया । कुछ दिन पहले कथित रूप से एसओएल के कार्यवाहक प्राचार्य के इशारे पर कुछ विद्यार्थियों के साथ मारपीट की गयी थी।
प्रदर्शनकारियों ने इस घटना के सिलसिले में इंसाफ एवं ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग की। उनके हाथों में बैनर और पर्चे थे जिनपर ‘हम शिक्षण संस्थानों में समानता की मांग करते है’ और ‘हम एसओएल द्वारा विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे’ जैसे नारे लिखे थे।
छात्र संगठन ने एक बयान में कहा कि बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलकर उन्हें कुलपति योगेश सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा ।
केवाईएस ने दावा किया है कि बृहस्पतिवार को जब विद्यार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं करने, देर से अध्ययन सामग्री के वितरण और परीक्षा के तौर-तरीके समेत उन्हें प्रभावित कर रहे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया, तब एसओएल ने उनकी पिटाई करवा दी।
उसने कहा, ‘‘ केवाईएस एसओएल के गुंडागर्दी वाले रवैये की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि एसओएल प्रशासन को सार्वजनिक माफी जारी करना चाहिए तथा अराजक कार्यवाहक प्राचार्य को उनके पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।’’
केवाईएस के ज्ञापन पर एसओएल के कार्यवाहक प्राचार्य पांडे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ वे डीयू एसओएल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि इससे किस उद्देश्य की प्राप्ति होगी। वे एसओएल के विद्यार्थी नहीं थे, उनमें केवल चार या पांच ऐसे विद्यार्थी थे। एसओएल में हमारे पास पांच लाख विद्यार्थी हैं और हमने उनके लिए कई पहल की है। वे बेवकूफी कर रहे हैं।’’
कार्यवाहक प्राचार्य ने केवाईएस के विरुद्ध पुलिस शिकायत दर्ज करायी है, जबकि छात्र संगठन ने भी पुलिस में शिकायत की है।
पांडे ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध कार्रवाई तब की गयी जब उन्होंने एसओएल में महिला सुरक्षाकर्मी के साथ बदतमीजी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नियमानुमसार दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इसकी सूचना दी जिन्होंने हमसे पुलिस में रिपोर्ट करने को कहा, तब हमने शिकायत दर्ज करायी।’’
केवाईएस ने आरोप लगाया, ‘‘मुद्दों का समाधान करने के बजाय एसओएल प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल विद्यार्थियों के साथ मारपीट की जो वहां ज्ञापन देने गए थे। एसओएल के कार्यवाहक प्राचार्य के इशारे पर विद्यार्थियों को बंधक बना लिया गया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया एवं मारपीट की गयी।’’
उसने कहा कि डीयू के 17 फरवरी को खुल जाने के बाद भी एसओएल ने ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं की है।
छात्र संगठन ने आगामी परीक्षा के तौर-तरीके को भी लेकर सवाल उठाया।
भाषा राजकुमार नरेश
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