इमरान खान की पार्टी ने रविवार को घोषणा की कि उन्होंने अपनी आध्यात्मिक मार्गदर्शिका बुशरा मनिका उर्फ पिंकी पिर्नी से शादी की है. मीडिया में जारी तस्वीरों में इमरान पूरी तरह बुर्के में ढकी एक महिला के अलावा निकाह खावान तथा कुछ गवाहों के साथ बेहद खुश नजर आ रहे हैं.
वैसे, दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी पत्रकार उमर चीमा ने नए साल के आगमन पर जो खबर दी थी, उसमें दर्ज तमाम ब्यौरे सही साबित हुए हैं. उन्होंने लिखा था कि इमरान ने फिर शादी की है. लेकिन तब इसका जोरदार खंडन किया गया था और उसी बीच इमरान की पार्टी ने अधिकृत बयान जारी करके साफ किया था कि ऐसी कोई शादी नहीं हुई है. इसके बाद पूर्व पति ने टेलीविजन पर आकर घोषणा की थी कि उसकी पूर्व पत्नी बिलकुल पाक है और यह शक करने की कोई वजह नहीं है कि उन दोनों के बीच कोई संबंध है.
सच कहानी से ज्यादा अजीबोगरीब है. सूफी परंपरा में दोबारा मुस्लिम बने इमरान काफी धार्मिक और अंधविश्वासी किस्म के व्यक्ति लगते हैं, हालांकि प्लेब्वाय वाली उनकी छवि इस असलियत से मेल नहीं खाती. इसका मतलब यह है कि उन्हें सभी तरह के सुझावों और तरकीबों से रिझाया जा सकता है. उनके आध्यात्मिक सलाहकार वर्षों से उन्हें बताते रहे हैं कि प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. पिंकी पिर्नी के नाम से ज्यादा जानी जातीं बुशरा मनिका उनकी सबसे नई आध्यात्मिक सलाहकार हैं. वे सरकारी अधिकारी खावर फरीद मनिका से ब्याही थीं. खावर भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहे हैं लेकिन पति-पत्नी दोनों ही सूफी संत बाबा फरीद गंज बख्श के भक्त बन गए. बताया जाता है कि दो साल पहले बुशरा ने अपनी बहन को इमरान से जोड़ने की कोशिश की थी मगर नाकाम रहीं. इमरान की शालीन पूर्व पत्नी रहम खान, जो करीब एक साल से उनकी पत्नी थीं, बताती हैं कि बुशरा ने उनके वैवाहिक संबंध को खराब किया. यह इसलिए विश्वसनीय लगता है कि इमरान ने रहम को 31 अक्टूबर को तलाक दिया और उसी दिन शादी भी कर ली.
इसके बाद की कहानी, जिस पर मनिका दंपती ने आपत्ति भी नहीं की है, यह है कि पिंकी पिर्नी ने एक सपना देखा कि इस्लाम की सबसे पाक हस्तीं ने उनसे कहा कि इमरान को वजीरे आजम बनाने के लिए वे उनसे निकाह कर लें, क्योंकि. इससे पाकिस्तान और इस्लाम, दोनों की सचमुच बरकत होगी. पिंकी पिर्नी ने अपने इस सपने की बात अपने पति को बताई और वे पाकिस्तान में इस्लाम की खातिर उन्हें तलाक देने को राजी हो गए. उन्होंने आध्यात्मिक कारणों के लिए नवंबर 2017 में तलाक ले लिया. उनके बेटे मूसा मनिका ने टीवी पर कई बार पुष्टि की कि तलाक ‘अल्लाह और उनके पैगंबर’’ के हुक्म पर ही लिया गया है. जाहिर है कि पिंकी पिर्नी का जन्नत से कोई सीधा संवाद है.
पाकिस्तान और उसकी खैरियत की फिक्र रखने वाले किसी भी शख्स के लिए कई मसले हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. इमरान खुद को अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखते हैं. उनसे मिल चुके लोगों को मालूम है कि वे अपने बारे में खुद भी खुल कर इस तरह की बात करते हैं. फिर भी यह साफ है कि वे ऐसे लोगों की आध्यात्मिक किस्म की सलाहों पर काम कर रहे हैं, जो खुद घोटालों और घपलों के उस्ताद हैं. इससे स्पष्ट है कि उनमें लोगों को चुनने की कितनी काबिलियत है, और यह उनकी नेतृत्व क्षमता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है. वे हमेशा से एक खिलाड़ी रहे हैं और हाल के वर्षों में तो ऐसा लगता है कि वे अपने सारे कंचे भी खो चुके हैं. पीएमएल (एन), पीपीपी और दूसरी पार्टियों के अनुभवी नेताओं के विपरीत उनके तमाम फैसले झोंक में किए गए और अतर्कपूण होते हैं. अब हमें पता लग रहा है कि उनकी इस नासमझी भरे मनमौजीपन का कारण क्या है.
दूसरे, उनकी छवि एक ईमानदार नेता की रही है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सादिक और अमीन जैसी उपाधियां दीं और, जैसा कि नवाज शरीफ ने कहा था, ‘अपने लाड़ले’ को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी. लेकिन अपनी उस छवि के विपरीत इमरान ने अपनी शादी की सही तारीख के बारे में झूठ बोला. अगर पत्रकार उमर चीमा कोई बड़े पीर या नजूमी नहीं हैं तो यह नहीं कहा जा सकता कि यह शादी पिछले रविवार को हुई. यह लगभग पक्का है कि शादी इस साल के शुरू में ही हो गई थी, जैसा कि चीमा ने कहा था. रहम खान भी कई बार दावा कर चुकी हैं इस शादी को तीन महीने तक छुपाए रखा गया.
जाहिर है, इमरान इस तरह की घोषणाएं करने के लिए किसी इशारे का इंतजार करते हैं. कुछ लोग इसे अध्यात्म कह सकते हैं लेकिन इस्लाम के कानूनी तथा औपचारिक स्वरूप में इसका कोई आधार नहीं हो सकता. इसके विपरीत, संकेतों की प्रतीक्षा करना मनोरोग का मामला ज्यादा लगता है.
जो भी हो, यह साफ है कि इमरान ने एक झटके में अपने समर्थकों के कई तबकों को अलगथलग कर लिया है. उनके समर्थकों की ‘बर्गर’ जमात इस बात से खुश नहीं है कि उन्होंने एक ऐसी महिला से शादी की है जो सिर से पांव तक बुर्के में ढकी थी. कई लोग इस बात से आहत हैं कि इमरान ने आगे के गंभीर कामों पर ध्यान देने की जगह एक व्यक्तिगत विवाद को जन्म दे दिया है. उनकी पार्टी के ज्यादा धार्मिक गुट, जिनमें कट्टरपंथी देवबंदी शामिल हैं और जिन्हें इमरान रिझाने में लगे थे, वैसे भी सूफीवाद को नापसंद करते हैं. इसलिए, ऐसा नहीं लगता कि बुशरा मानिका से शादी करने से इमरान खान के लिए प्रधानमंत्री बनने की राह आसान होने वाली है.
यासिर लतीफ हमदानी एक वकील हैं और हार्वर्ड लॉ स्कूल में विजिटिंग फेलो हैं.