नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि वह दो दिन के भीतर 600 करोड़ रुपये दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लि. (डीएएमईपीएल) से संबंधित एस्क्रो खाते (खास उद्देश्य के लिये बनाया गया खाता) में डाल देगी।
डीएएमईपीएल ने मध्यस्थता अधिकरण की तरफ से उसके पक्ष में दिये गये 4,600 करोड़ रुपये के आदेश को लागू करवाने को लेकर डीएमआरसी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है।
न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने डीएमआरसी के वकील के बयान को रिकार्ड में लिया और इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली मेट्रो की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने शुरू में अदालत के समक्ष कहा कि डीएमआरसी 72 घंटे में 600 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने अदालत से मध्यस्थता निर्णय के तहत राशि लौटाने को लेकर कर्ज के लिये बैंकों से संपर्क हेतु कुछ समय देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों से मिली राशि मेट्रो परियोजनाएं पूरी करने के लिये है और डीएमआरसी मध्यस्थता निर्णय के तहत पैसे के भुगतान को लेकर उस रकम का उपयोग नहीं कर सकती।
हालांकि अदालत ने डीएमआरसी से दो दिनों के भीतर 600 करोड़ जमा करने को कहा। इस पर वकील ने सहमति जतायी।
इस बीच, कुछ बैंकों की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि उनके बैंकों ने परियोजना के लिये कर्ज दिया था और उन्हें पैसे चाहिए। यह अलग बात है कि डीएमआरसी को पैसा डीएएमईपीएल को देना है।
उन्होंने अदालत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पैसा परियोजना के लिये कर्ज दे रखे बैंकों को भी मिले।
उल्लेखनीय है कि मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने मई 2017 में डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला सुनाया था। कंपनी सुरक्षा संबंधित मुद्दों का हवाला देते हुए एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन के परिचालन से हट गयी थी।
भाषा
रमण प्रेम
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