म्यूनिख, 19 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन द्वारा सीमा समझौतों का उल्लंघन करने के बाद उसके साथ भारत के संबंध ”बहुत कठिन दौर” से गुजर रहे हैं। जयशंकर ने रेखांकित किया कि ”सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी।”
विदेश मंत्री ने यहां म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2022 परिचर्चा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ”भारत को चीन के साथ एक समस्या है और समस्या यह है कि 1975 से 45 साल तक सीमा पर शांति रही, स्थिर सीमा प्रबंधन रहा, कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा, ”अब यह बदल गया है क्योंकि हमने चीन के साथ सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य बलों की तैनाती नहीं करने लिए समझौते किए थे … लेकिन चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया है।”
जयशंकर ने कहा, ”स्वाभाविक तौर पर सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी।”
विदेश मंत्री ने कहा, ”जाहिर तौर पर फिलहाल चीन के साथ संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के साथ भारत के संबंध जून 2020 से पहले भी काफी अच्छे थे।
पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में एक हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था।
जयशंकर ने एमएससी में हिंद-प्रशांत पर एक परिचर्चा में भाग लिया, जिसका उद्देश्य यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव पर व्यापक विचार-विमर्श करना है।
भाषा जोहेब शफीक
शफीक
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