म्यूनिख (जर्मनी), 19 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी की अपनी समकक्ष एनालिना बेयरबॉक से मुलाकात की और हिंद-प्रशांत, यूक्रेन संबंधी घटनाक्रम तथा अफगानिस्तान में स्थिति समेत व्यापक द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष एच अमिराब्दुल्लहियान से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, अफगानिस्तान और संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) पर सार्थक चर्चा की। जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौते के तौर पर जाना जाता है।
विदेश मंत्री म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) में भाग लेने के लिए शुक्रवार को जर्मनी पहुंचे थे। एमएससी में यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच बढ़ते विवाद पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘जर्मनी की विदेश मंत्री एनालिना बेयरबॉक से व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। मुख्य ध्यान जलवायु परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर रहा। अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत और यूक्रेन पर भी बातचीत की। आज की बैठक को लेकर उत्साहित हूं।’’
एमएससी में वह हिंद-प्रशांत पर चर्चा में भाग लेंगे और म्यूनिख में भारतीय वाणिज्य दूतावास और ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में चर्चा का नेतृत्व करेंगे।
जयशंकर ने एमएससी के इतर विदेश मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री के साथ ‘‘सार्थक बैठक’’ की, जिसमें दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और जेसीपीओए पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान के विदेश मंत्री के साथ सार्थक बैठक की। आर्थिक सहयोग, संपर्क, जेसीपीओए और अफगानिस्तान पर चर्चा की।’’
जेसीपीओए ईरान और पी5+1 (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका, प्लस जर्मनी) समेत यूरोपीय संघ के साथ 14 जुलाई 2015 को वियना में हुए ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौता है। मई 2018 में अमेरिका के इससे हटने के बाद समझौते के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया।
जयशंकर ने स्लोवेनिया के विदेश मंत्री एंजे लोगार से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘‘अपने मित्र डॉ. एंजे लोगार से फिर से मुलाकात करके खुश हूं। सितंबर 2021 में स्लोवेनिया की अपनी यादगार यात्रा को याद किया। हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। वैश्विक प्रवृत्तियों पर विचार साझा किए।’’
ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष एलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री शालेनबर्ग से मुलाकात करके खुशी हुई। दिल्ली की कुछ पुरानी यादें ताजा हो गयी। द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की। भारत में जल्द ही उनसे मुलाकात करने की उम्मीद है।’’
जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद से भी मुलाकात की और वे सामरिक साझेदारी परिषद की बैठक के लिए तैयारियां तेज करने पर राजी हुए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री से मुलाकात करके खुशी हुई। सामरिक साझेदारी परिषद की बैठक के लिए तैयारियां तेज करने पर सहमति बनी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आ रही चुनौतियों पर उनकी राय सराहनीय है।’’
जॉर्जिया के अपने समकक्ष डेविड जल्कालियानी के साथ मुलाकात में विदेश मंत्री जयशंकर ने क्षेत्रीय स्थिति पर उनके विचारों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘जॉर्जिया के विदेश मंत्री डी जल्कालियानी से मुलाकात करके खुशी हुई। जुलाई 2021 की मेरी यात्रा के बाद से हमारी बातचीत जारी है। क्षेत्रीय स्थिति पर उनके विचार उपयोगी हैं। दिल्ली में उनकी अगवानी करने के लिए उत्साहित हूं।’’
विदेश मंत्री ने मंगोलिया और स्वीडन के अपने समकक्षों क्रमश: बात्सेसेग बटमुंख और एन लिंडे से भी मुलाकात की और कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। जयशंकर ने यूरोपीय संसद के सबसे बड़े राजनीतिक समूह यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (ईपीपी) ग्रुप के चार सांसदों के साथ भी बैठक की और पारदर्शिता, विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला और विश्व व्यवस्था पर चर्चा की।
बाद में, जयशंकर ने अपने रोमानियाई समकक्ष बोगदान ऑरेस्कु से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। जयशंकर ने फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो के साथ भी ‘‘सार्थक बातचीत’’ की।
जयशंकर ने बावरिया के मिनिस्टर-प्रेसीडेंट मार्कस सोडर के साथ स्वच्छ तकनीक, डिजिटल और उच्च तकनीक के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। जर्मनी से जयशंकर फ्रांस जाएंगे, जहां वह अपने समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन के साथ 20 फरवरी को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
भाषा आशीष अमित
अमित
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.