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Saturday, 16 November, 2024
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मध्य प्रदेश : कुनो अभयारण्य में चीता बसाने की योजना के तहत भारतीय दल नामीबिया रवाना

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भोपाल, 19 फरवरी (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से चीतों को लाकर मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय अभयारण्य में बसाने की योजना के सिलसिले में भारत से अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल नामीबिया पहुंच गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के वन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) रजनीश सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), भारतीय वन्यजीव संस्थान, भारत सरकार और मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि चीतों के स्थानांतरण, परिवहन आदि मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रतिनिधिमंडल 17 फरवरी को भोपाल से नामीबिया के लिए रवाना हुआ और यह 25 फरवरी तक वापस लौटेगा।

सिंह ने कहा कि दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला वन्यजीव चीता लगभग 70 साल पहले भारत में विलुप्त हो गया था और अब इस प्रजाति को यहां के जंगल में दोबारा लाने की योजना पर पिछले एक दशक से भी अधिक समय से काम चल रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि अगले पांच या दस वर्षों में 50 चीतों को लाने की योजना है और पहले साल में संभवत: 10 से 12 चीतों को नामीबिया से स्थापना स्टॉक के तहत यहां लाया जाएगा।

गौरतलब है कि देश के अंतिम चीते की मृत्यु 1947 में अविभाजित मध्य प्रदेश के कोरिया (वर्तमान में छत्तीसगढ़) जिले में हुई थई। 1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के चंबल क्षेत्र में 750 किलोमीटर में फैले कुनो अभयारण्य में पिछले साल नवंबर तक चीते लाने की योजना में कोविड-19 महामारी के कारण विलंब हुआ है।

कुनो में चीतों के लिए शिकार करने को पर्याप्त वन्यजीव हैं। यहां चार सींग वाले हिरण, चिंकारा, नीलगाय, जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण और सांभर भारी संख्या में पाए जाते हैं।

भाषा

दिमोदिमो पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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