नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं के एक शिष्टमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर उनसे मुलाकात की और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे अतिथि नहीं हैं, बल्कि भारत उनका घर है। इस मुलाकात से एक दिन पहले मोदी ने सिख समुदाय के कई प्रमुख लोगों की अपने आवास पर मेजबानी की थी। गौरतलब है कि कल पंजाब विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने अफगानिस्तान में हिन्दुओं और सिखों के सामने पेश होने वाली कठिनाई पर चर्चा की और उन्हें भारत सुरक्षित लाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता पर बात की। इस आलोक में उन्होंने सीएए के महत्व और समुदाय के लिए उसके लाभ पर भी बातचीत की।
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने शिष्टमंडल को सभी मुद्दे सुलझाने के लिए भविष्य में भी लगातार मदद का आश्वासन दिया। मोदी ने गुरुग्रंथ साहिब का सम्मान करने की परंपरा के महत्व की भी चर्चा की। गुरु ग्रंथ साहिब के ‘स्वरूप’ को अफगानिस्तान से विशेष प्रबंध कर वापस लाया गया था।
मोदी ने अफगानों से मिले प्रेम पर भी बात की और काबुल के अपने दौरे को याद किया। इस मौके पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने, सिख समुदाय के लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि उस समय जब कोई खड़ा नहीं था, तब मोदी ने मदद का आश्वासन दिया।
बयान में कहा गया कि शिष्टमंडल के अन्य सदस्यों ने भी मुसीबत में साथ देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सुना कि अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के ‘स्वरूप’ को वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध किया जा रहा है, तब उनकी आंखों में आंसू आ गए।
शिष्टमंडल के सदस्यों ने मोदी को सीएए लाने के लिए भी धन्यवाद दिया और कहा कि इससे उनके समुदाय के लोगों की बहुत मदद की जा सकेगी।
बयान के अनुसार, मोदी की प्रशंसा करते हुए शिष्टमंडल के सदस्यों ने कहा कि वह केवल भारत के नहीं, बल्कि “दुनिया के प्रधानमंत्री हैं” क्योंकि वह दुनियाभर में हिंदुओं और सिखों की समस्याओं को समझते हैं और तत्काल मदद करते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थीं।
शिष्टमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को पारंपरिक अफगान परिधान और पगड़ी उपहार में दी, जो मोदी ने पहना और कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई उन्हें इस परिधान में देखकर बहुत खुश होते।
भारत में बड़ी संख्या में अफगान सिख और हिंदू रहते हैं और हाल में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद भारत सरकार ने उनमें से अनेक को वहां से निकाला था।
अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति मोदी सरकार ने कई बार अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
भाषा यश दिलीप
दिलीप
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