रांची, 18 फरवरी (भाषा) मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 श्रमिकों को मलेशिया में भारतीय उच्चायोग की मदद से वापस झारखंड लाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है।
रांची में एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद श्रम विभाग ने मलेशिया में फंसे गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 30 श्रमिकों को झारखंड वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बी.एन. रेड्डी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया था।
मलेशिया में भारत के उच्चयुक्त को लिखे पत्र में बताया गया है कि राज्य के 30 श्रमिक लीडमास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में कार्यरत हैं। इन सभी से नेगेरी सेम्बिलन दारुल खुसस, मलेशिया ट्रांसमिशन कार्य में लाइनमैन के रूप में कार्य लिया गया है।
श्रमिक 30 जनवरी 2019 से वहां काम कर रहे हैं। उनका अनुबंध तीन साल की अवधि के लिए था जो अब खत्म हो गया है। लेकिन, ठेकेदार द्वारा उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा रहा है। साथ ही पिछले चार माह से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है।
श्रम विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने उच्चायुक्त से अनुरोध किया कि मामले में हस्तक्षेप करें और कंपनी/ठेकेदार को श्रमिकों के वैध बकाया राशि भुगतान करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करें। जिसके बाद उच्चायोग ने सकारात्मक पहल की है और श्रमिकों को शीघ्र स्वदेश वापस भेजने में रह संभव मदद का आश्वासन दिया है।
भाषा, इन्दु संतोष
संतोष
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