नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाया जाए ताकि सीमा पार से कोई घुसपैठ नहीं हो और आतंकवाद को समाप्त किया जा सके।
उन्होंने यह निर्देश यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में दिया। बैठक में शाह ने केंद्रशासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और केंद्र सरकार तथा जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गृह मंत्री शाह ने निर्देश दिया कि सीमा पार से घुसपैठ पूरी तरह रोकने तथा आतंकवाद के सफाए के लिए सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिनके कारण पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंवादी घटनाओं में कमी आई है।
बयान में कहा गया है कि आतंकवादी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 थी जो 2021 में घटकर 229 हो गयी वहीं । साथ ही शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी कमी आई है जो 2021 में घटकर 42 हो गयी जो 2018 में 91 थी।
सिन्हा ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने घंटे भर चली इस बैठक को ‘बेहद उपयोगी’ बताया।
वार्षिक अमरनाथ यात्रा फिर शुरू किए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। यह यात्रा कोविड महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से आयोजित नहीं हुयी है।
जम्मू-कश्मीर में अभी केंद्रीय शासन है। पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किये जाने के बाद तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था।
भाषा
अविनाश नरेश
नरेश
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