नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अपनी ‘फेसलेस सेवाओं’ के तहत पिछले छह महीनों में लगभग 1.54 लाख आवेदकों में से 93 फीसदी से अधिक को लर्निंग लाइसेंस जारी किए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अगस्त 2021 को परिवहन विभाग की ड्राइविंग लाइसेंस और विभिन्न प्रकार के परमिट और प्रमाणपत्र से संबंधित ‘फेसलेस सेवाओं’ की शुरुआत की।
ई-लर्निंग लाइसेंस, जिसके तहत आवेदक ऑनलाइन ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं और दिए गए पते पर दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं, पिछले साल 7 अगस्त को शुरू किया गया था।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2021 से फरवरी 2022 के मध्य तक ई-लर्निंग लाइसेंस के लिए कुल 1,54,618 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 1,45,124 आवेदक ऑनलाइन ड्राइविंग टेस्ट पास करने में सफल रहे।
आंकड़ों से पता चलता है कि लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के लिए लंबित आवेदनों की संख्या 3,410 है और टेस्ट में फेल होने वाले आवेदकों की संख्या 6,084 है, जिनमें से 1,157 ‘कलर ब्लाइंडनेस’ के चलते टेस्ट पास नहीं कर सके।
आंकड़ों के अनुसार, परिवहन संबंधी अन्य दस्तावेजों से जुड़ी ‘फेसलेस सेवाओं’ के तहत अब तक 85 फीसदी से अधिक आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना के शुरू होने के बाद से विभाग को आठ लाख से अधिक आवेदन हासिल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग उन लोगों से संपर्क करता है, जिनके आवेदन अधूरी जानकारी या अन्य कारणों से स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र, परमिट और हाइपोथेकेशन की समाप्ति से संबंधित परिवहन विभाग की सेवाओं को ‘फेसलेस’ तरीके से ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाने के बाद सरकार ने आईपी एस्टेट, वसंत विहार, सराय काले खां और जनकपुरी स्थित मोटर लाइसेंसिंग कार्यालय (एमएलओ) को बंद कर दिया है।
भाषा
पारुल नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.