मुंबई, 18 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र और केंद्र सरकार ने कोविड मरीजों के उपचार पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) का 50 प्रतिशत से भी कम कोष खर्च किया है। जन आरोग्य अभियान (जेएए) के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को यह दावा किया।
जेएए, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं का एक अनौपचारिक समूह है। इसने महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपने पोर्टल पर साझा किये गये आंकड़ों के आधार पर यह बयान जारी किया है।
जेएए ने कहा, ‘‘राज्य के हिस्से के तौर पर एनएचआरएम के लिए 1,583 करोड़ रुपये में , सिर्फ 32.3 प्रतिशत कोष 2021-22 में खर्च किया गया। इसी तरह, केंद्र सरकार ने भी सिर्फ 41.3 प्रतिशत खर्च किया। इस वित्त वर्ष में दो महीने से भी कम वक्त बचा है। स्वास्थ्य विभाग का कुल खर्च महज 46.7 प्रतिशत है, जबकि मेडिकल शिक्षा विभाग ने अब तक 49.7 प्रतिशत खर्च किया है।’’
जेएए ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में सर्वाधिक संख्या में कोविड के मामले सामने आए और सबसे अधिक लोगों की मौत भी हुई। लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने महज 110 करोड़ रुपये खर्च किये, जो मौजूदा वित्त वर्ष के प्रस्तावित खर्च 1,733 करोड़ रुपये का महज छह प्रतिशत है।
इसने कहा, ‘‘स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा विभागों को इस साल आपूर्ति एवं सामग्री (दवा एवं ऑक्सीजन सहित) कुल 2077 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। लेकिन बजटीय आवंटन का महज 8.6 प्रतिशत ही खर्च किया गया, जो बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि महामारी के चलते स्वास्थ्य देखभाल की अत्यधिक जरूरत है।’’
भाषा
सुभाष शाहिद
शाहिद
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