नई दिल्ली: अगली बार जब आप दिल्ली पुलिस के किसी अधिकारी को देखेंगे तो आपको उनकी वर्दी पर दाईं ओर लगे नेमटैग (नाम वाली पट्टी) के ठीक ऊपर एक नया प्रतीक चिन्ह दिखाई देगा. वर्दी में हुआ यह महत्वपूर्ण जुड़ाव भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को 1954 में दिए गए ‘कलर्स’ पुरस्कार वाला एक स्मरण चिन्ह है.
राष्ट्रपति द्वारा दिया जाने वाले ‘कलर्स’ का प्रतीक चिन्ह किसी सैन्य बल इकाई को राष्ट्र के लिए उसकी अनुकरणीय और असाधारण सेवा के सम्मान में दिया जाता है.
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के कार्यालय द्वारा 12 फरवरी को जारी किए गए अधिकारिक आदेश के अनुसार, दिल्ली पुलिस की 75वीं स्थापना दिवस परेड के दिन यानी कि 16 फरवरी से दिल्ली पुलिस के सभी कर्मियों को अपनी वर्दी पर ‘कलर्स से अलग कर के निकाले गए इस प्रतीक चिन्ह’ को पहनना शुरू करना होगा.
इस आदेश में कहा गया है, ‘वर्ष 1954 में भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली पुलिस को यह ‘कलर्स’ भेंट कर सम्मानित किया था. यह आवश्यक है कि हम अपने संगठन को दिए गए इस विलक्षण सम्मान को याद रखें, नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि यह ‘कलर्स’ कमरों और क्वार्टर गार्डों तक ही सीमित रह जाए.’
अस्थाना के आदेशों के अनुसार, स्थापना दिवस की प्लेटिनम जुबली पर दिल्ली पुलिस के सभी रैंकों के अधिकारियों ने अपनी वर्दी पर यह चेस्ट बैज (छाती पर लगा तमगा) पहना था.
इस प्रतीक चिन्ह को तीन स्वरूपों में पहना जा सकता है – वर्दी पर कशीदाकारी किया गया चेस्ट बैज, पिन के साथ लगाया जाने वाला चेस्ट बैज और वेल्क्रो के साथ चिपकाया जाने वाला चेस्ट बैज.
दिल्ली पुलिस के जन सम्पर्क अधिकारी और पश्चिमी रेंज के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त चिन्मय बिस्वाल ने दिप्रिंट को बताया कि, ‘भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली पुलिस बल को कलर्स से सम्मानित किया था. हालांकि समय के साथ इस इन्सिग्निया (प्रतीक चिन्ह) ने अपनी उपस्थिति गंवा दी थी. वर्तमान पुलिस आयुक्त ने अब इसके पुनरुद्धार के आदेश दिए हैं. सभी रैंक के कर्मचारी इसे पहनेंगे.’
इन अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर और पंजाब पुलिस भी उन्हें पहनती है. यह किसी सुरक्षा बल द्वारा प्रदान की गयी सेवा की विशेष मान्यता के रूप में दिया जाता है.’
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‘सराहनीय कदम‘
दिप्रिंट से बात करने वाले कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पहले भी कुछ पूर्व पुलिस आयुक्तों ने इस प्रतीक चिन्ह को पुनर्जीवित करने की कोशिश की थी लेकिन तब यह अमल में नहीं लाया जा सका.
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त सुवाशीष चौधरी ने कहा, ‘यह एक सराहनीय कदम है. किसी पुलिस बल को अतीत में लगातार उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिया जाने वाला सम्मान. दिल्ली पुलिस जिसे हमारे गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति द्वारा इस सम्मान से नवाजा था, यह सम्मान पाने वाली सबसे पुरानी पुलिस इकाइयों में से एक है’
दिल्ली पुलिस के इस प्रतीक चिन्ह में ‘शांति, सेवा और न्याय’ का लोगो शामिल है.
गुरुवार को दिल्ली पुलिस के एक ट्विटर थ्रेड में हिंदी में लिखा गया था: 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय द्वारा दिल्ली पुलिस को इंडिया गेट अंकित ‘कलर्स’ से सम्मानित किया गया था. दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस पर इस सम्मान की स्मृति में इसे पुलिस ड्रेस कोड का हिस्सा बनाया गया है.
अशोक स्तंभ पहले की तरह दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिन्ह का अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिन्ह में कोई बदलाव नहीं किया गया है. दिल्ली पुलिस सभी राष्ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करती है.’
अशोक स्तंभ पहले की तरह दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिन्ह का अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिन्ह में कोई बदलाव नही किया गया है।
दिल्ली पुलिस सभी राष्ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करती है।(2/2)@ANI@PTI_News— Delhi Police (@DelhiPolice) February 17, 2022
इससे पहले स्थापना दिवस परेड के बाद दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया था कि ‘कलर्स’ के बारे में झूठी जानकारी का प्रचार करने के लिए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उसने इसे दिल्ली पुलिस को बदनाम करने का प्रयास बताया.
इस ट्वीट में लिखा गया था :- कुछ सोशल मीडिया यूजर्स गलत मंशा से #DelhiPolice को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और नई दिल्ली पुलिस के ‘कलर्स’ के बारे में झूठी कहानियां फैलाकर लोगों को भड़का रहे हैं.
हम इन झूठे आरोपों की कड़ी निंदा करते हैं और ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देते हैं.
Some social media users with ulterior motives are trying to discredit #DelhiPolice, incite people by spreading false narrative about the new Delhi Police 'Colours'.
We condemn the false allegations & assure strict legal action against such social media accounts. pic.twitter.com/opowOc9Fu8
— Delhi Police (@DelhiPolice) February 16, 2022
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