नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) चेन्नई की एक विशेष अदालत ने फर्जी आयात दस्तावेजों का उपयोग कर 34.94 करोड़ रुपये विदेश भेजने के मामले में धन शोधन विरोधी कानून के तहत एक व्यक्ति को बुधवार को चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस आशय की जानकारी दी।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी केन्द्रीय एजेंसियों के मामलों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने ए. ए. एस. हारून रशीद पर छह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि अगर दोषी जुर्माना भरने में असफल रहता है तो उसे दो महीने अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।
बयान के अनुसार, अदालत ने धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत रशीद को दोषी करार दिया।
ईडी ने आरोपी को 21 मार्च, 2018 को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने बताया कि आरोपी ऐसे गिरोह का हिस्सा है जो पहचान पूरी तरह गुप्त रखते हुए अपराध करता था। उसने बताया कि 3,500 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ऐसे 57 संगठन/गिरोह शामिल हैं।
भाषा अर्पणा पवनेश
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