नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उनकी सरकार एक पोर्टल लांच करेगी जिसपर लोग शहरों, गांवों और कस्बों के नाम बदलने को लेकर सुझाव दे सकते हैं. बुधवार को ट्वीट कर सरमा ने कहा कि नाम में काफी कुछ रखा है.
उन्होंने कहा, ‘शहर, कस्बा और गांव के नामों से संस्कृति, परंपरा और सभ्यता की झलक मिलनी चाहिए.’
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने आगे लिखा, ‘हम असम में एक पोर्टल लांच करेंगे जिसपर नामों को बदलने को लेकर सुझाव दिए जा सकेंगे.’
उन्होंने कहा कि सभ्यता, परंपरा और किसी भी जाति या समुदाय के खिलाफ जो भी नाम है उन्हें बदला जाएगा.
THERE’S MUCH IN A NAME
Name of a city, town or village should represent its culture, tradition & civilisation.
We shall launch a portal to invite suggestions on change of names across Assam which are contrary to our civilisation, culture & derogatory to any caste or community.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 16, 2022
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राज्य की संस्कृति और सभ्यता के प्रतिकूल नामों को बदला जाएगा
मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उन स्थानों के नाम बदल दिए जाएंगे जो राज्य की संस्कृति और सभ्यता के अनुकूल नहीं हैं.
सीएम सरमा ने दावा किया कि कालापहाड़ का नाम एक मुस्लिम जरनल के नाम पर था जिन्होंने गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर पर हमला किया था, इसलिए उनकी सरकार ने अस्पताल का नाम बदल दिया.
हिमंता सरमा के फैसले को लेकर ट्विटर पर लोग कह रहे हैं कि ऐसा करना उनकी गलत प्राथमिकताओं को दिखाता है, बल्कि उन्हें गरीबी, बेरोजगारी पर ध्यान देना चाहिए.
Change poverty, change unemployment, change hate…
Why opt for useless things? https://t.co/PKbWaN0YDn— kaisarehind (@kaisarehind) February 16, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बाद असम के मुख्यमंत्री नामों को बदलने की शुरुआत करने जा रहे हैं. नामों को बदलने को लेकर योगी आदित्यनाथ और शिवराज सिंह चौहान की काफी आलोचना हो चुकी है. योगी आदित्यनाथ ने कुछ साल पहले यूपी में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और मुगलसराय का नाम दीन दयाल उपाध्याय नगर किया था.
गौरतलब है कि हिमंता बिस्वा सरमा लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं. हाल ही में तेलंगाना के सीएम केसीआर और उनके बीच सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तीखी सियासी बहस हुई थी.
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